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________________ ४१ नंदीपुर के चौलुक्य | 1 नंदीपुरके राज्यवंशका संस्थापक वातापि कल्याणके चौलुक्य राज तैलपदेव द्वितीयका सेनापति वारप राज है । वारपराजको तैलपदेवने पाटनपति चौलुक्यराज मूलराजको रोकने के लिये सेनापति और सामन्तराज बनाकर लाट देशमें भेजा था । वारपने नंदीपुरको अपना केन्द्रस्थान बनाया था । बादको वारपके वंशजोंकी राज्यधानी नंदीपुरमें थी । अतः यह वंश इतिहासमें नंदीपुरके चौलुक्यवंशके नामसे अभिहित है । अभीतक नंदीपुरके चौलुक्योंके केवल ताम्र लेख मिले हैं। प्रथम लेख वारप के पौत्र कीर्तिराजका शक संवत् ९४० तदनुसार १०७५ का और दूसरा लेख कीर्तिराजके पौत्र त्रिलोचनपालका शक संवत् ९७२ तदनुसार विक्रम संवत् ११०७ का और तीसरा लेख त्रिलोचनपालके पुत्र त्रिविक्रमपालका शक ६६६ का तदनुसार विक्रम संवत् ११३४ का है । इन लेखों पर दृष्टिपात करनेसे नंदीपुरके चौलुक्योंकी वंशावली निम्न प्रकारसे प्रकट होती है । 1 त्रिलोचन पा ल T त्रिविक्रम पा ल निम्बा र क I वा र प रा ज अग्नि राज कीर्ति राज वत्स रा ज [ प्राक्कथंन ( गोर्गीराज ) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat जग त्पा ल | पद्मपाल नंदीपुरके चौलुक्योंका पाटनके चौलुक्यों के साथ वंशपरपंरा गत वैर दृष्टिगोचर होता है। क्योंकि नंदीपुरके चौलुक्य वंश संस्थापक वारपको पाटनके चौलुक्य वंश संस्थापक • मूलराज के साथ लड़ते पाते हैं । अन्तमें वारप मूलराजके पुत्र चामुण्डराजके हाथ से मारा जाता www.umaragyanbhandar.com
SR No.034491
Book TitleChaulukya Chandrika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyanandswami Shreevastavya
PublisherVidyanandswami Shreevastavya
Publication Year1937
Total Pages296
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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