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माता
सम्यग्दर्शन की विधि
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लेखक
CA जयेश मोहनलाल शेठ बी. काम., एफ. सी. ए.
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अर्पण
पूज्य कांताबेन, पिता- पूज्य स्वर्गीय मोहनलाल नानचंद शेठ, तथा भाई - श्री रश्मिनभाई मोहनलाल शेठ को
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"जो जीव, राग- - द्वेषरूप परिणमित होने पर भी, मात्र शुद्धात्मा में (द्रव्यात्मा में = स्वभाव में) ही 'मैंपन ' ( एकत्व) करता है और उसी का अनुभव करता है, वही जीव सम्यग्दृष्टि है। यही सम्यग्दर्शन की विधि है । "
सम्पादन : मनीष मोदी
प्रकाशक : शैलेश पूनमचन्द शाह