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________________ अशुद्ध दोष निरपेक्ष दोष मुम्मण दोष आसन दोष चलासन दोष चलदृष्टि दोष सावध क्रिया दोष काया के बारह दोष कुआसणं चलासणं चलदिट्टि, सावज्जकिरियालंबणाकुंचणपसारणं । आलस्स मोडण मल विमासणं, निहावेयावच्चति बारस्स-कायदोसा ।। अयोग्य-अभिमान आदि के आसन से आलम्बन दोष आकुंचन प्रसारण दोष आलस्य दोष मोटन दोष मल दोष विमासन निद्रा वैयावृत्त्य पाठ को अशुद्ध बिना उपयोग बोलना । अस्पष्ट - मुण मुण बोलना । बोलना । - बैठना। आसन बार-बार बदलना । इधर-उधर दृष्टि फेरना। सावद्य क्रिया-सीना, पिरोना आदि गृह कार्य करना । भीतादि का सहारा लेना । बिना कारण हाथ पैर फैलाना, समेटना। अंग मोड़ना, आलस करना आदि । हाथ-पैर की अंगुलियों का कड़का निकालना। मैल उतारना । गले या गाल पर हाथ लगाकर शोकासन से बैठना । निद्रा लेना । बिना कारण दूसरों से वैयावृत्त्य - सेवा कराना । {87} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र
SR No.034373
Book TitleShravak Samayik Pratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshwa Mehta
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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