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________________ सातवाँ स्थूल उपभोग परिभोग परिमाण व्रत उपभोग परिभोग गुणव्रत की प्रतिज्ञा द्रव्य से-मैं निम्नानुसार छब्बीस बोलों की मर्यादा करता/करती हूँ एवं कर्मादान के व्यापारों का त्याग करता/करती हूँ। क्षेत्र से अपने मर्यादित क्षेत्र के अनुसार । काल से- यावज्जीवन । भाव से - जो मर्यादा की है उसके उपरान्त सबका एक करण तीन योग से त्याग करता / करती हूँ। उपभोग परिभोग परिमाण व्रत के अतिचार सातवें व्रत के 20 अतिचार हैं । पाँच अतिचार भोजन संबंधी हैं और 15 अतिचार व्यापार संबंधी हैं। भोजन संबंधी अतिचार 1. सचित्ताहारे-जिस सचित्त वस्तु का त्याग किया है, अचित्त न हुई हो तो उसका भक्षण करना तथा मर्यादा से अधिक सचित्त वस्तु का भोग करना । 2. सचित्त पडिबद्धाहारे- सचित्त से मिली अचित्त वस्तु का आहार करना । 3. अप्पउलीओसहिभक्खणया - अधूरे पके हुए पदार्थ का आहार करना। 4. दुप्पउलीओसहिभक्खणया-अविधि से पकाया हुआ आहार करना। 5. तुच्छोसहिभक्खणया - जिस वस्तु में खाने योग्य भाग थोड़ा हो और फैंकने योग्य भाग अधिक हो ऐसी वस्तु का आहार करना। उपभोग परिभोग परिमाण व्रत में 26 बोलों की मर्यादा1. उल्लणियाविहि-शरीर पोंछने के ट्वाल या टोवल, रुमाल, नेपकिन आदि। एक दिन में नग ( ) तक तथा इतनी ( ) कीमत तक के । 30
SR No.034372
Book TitleShravak Ke Barah Vrat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangla Choradiya
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year2015
Total Pages70
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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