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________________ 13. चमड़े का व चमड़े से बनी हुई वस्तुओं का व्यापार नहीं करूँगा/ करूँगी। 14. चमड़े या कुर्म के चमड़े से बने बूट, चप्पल, सेण्डल, पर्स, बैग आदि नहीं वापरूँगा/वापरूँगी। 15. लिपस्टिक, परफ्यूम, नेलपॉलिस, स्नो क्रीम, पाउडर, मेंहदी आदि सौन्दर्य प्रसाधनों की संख्या ( ) के उपरान्त त्याग। 16. आत्महत्या व भ्रूणहत्या न करूँगा/करूँगी और न ही करवाऊँगा/ करवाऊँगी। 17. घर, दुकान आदि के हिस्से में भाई के साथ कोर्ट-कचहरी में नही जाऊँगा/जाऊँगी। 18. मैं पत्नी/पति पर हाथ नहीं उठाऊँगा/उठाऊँगी और असभ्य वचन नहीं बोलूंगा/बोलूँगी। 19. मैं बहू के साथ बेटी जैसा व्यवहार करूँगा/करूँगी। 20. मैं नौकर-चाकर आदि के साथ अपने कुटुम्बी जन-जैसा व्यवहार करूँगी/करूँगी। 21. मैं त्रस जीवों की हिंसा हो, ऐसी सलाह नहीं दूंगा/दूंगी। 22. बिना छना पानी काम में नहीं लूंगा/लूँगी और नहीं पीऊँगा/ पीऊँगी। 23. रात्रि भोजन नहीं करूँगा/करूँगी। 24. कपड़े धोते और धुलवाते समय देखकर दूंगा/दूंगी। 25. पड़ोसियों के साथ सद्भावपूर्ण व्यवहार करूँगा/करूँगी। 26. संघ में फूट नही डलाऊँगा/डलाऊँगी। 27. मैं अपने व्यवसाय और व्यवहार में प्रामाणिक रहूँगा/रहूँगी। 28. कसाई, कोली, शिकारी के काम नहीं करूँगा/करूँगी। ! 29. सूक्ष्म जीव-हिंसा का विवेकपूर्वक त्याग।
SR No.034372
Book TitleShravak Ke Barah Vrat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangla Choradiya
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year2015
Total Pages70
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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