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102 बोल का बासठिया श्री पन्नवणा सूत्र के तीसरे पद में 22 द्वारों का वर्णन है। वह बासठिया युक्त इस प्रकार हैं
द्वार-1. जीव 2. गति 3. इन्द्रिय 4. काय 5. योग 6. वेद 7. कषाय 8. लेश्या 9. दृष्टि 10. सम्यक्त्व 11. ज्ञान 12. दर्शन 13. संयम 14. उपयोग 15. आहारक 16. भाषक 17. परीत 18. पर्याप्त 19. सूक्ष्म 20. संज्ञी 21. भव्य और 22. चरम ।
___ जीव द्वार
जीव गुणस्थान योग उपयोग लेश्या 1. समुच्चय जीव में 14 14 15 12 6 2. नरक में 3 4 11 9 3 3. तिर्यञ्च में 145 13 9 6 4. मनुष्य में 3 14 15 12 6 5. देव में 3 4 11 9 6 6. सिद्ध में 0 0 0 2 0
अल्पबहुत्व-सब से थोड़े मनुष्य, उनसे नारकी असंख्यात गुण, उनसे देव असंख्यात गुण, उनसे सिद्ध अनंत गुण, उनसे तिर्यञ्च अनन्त गुण और उनसे समुच्चय जीव विशेषाधिक हैं।
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