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________________ 204 जीव- अजीव तत्त्व एवं द्रव्य अर्थात् पुद्गल के चार भेद हैं- 1. स्कंध, 2. स्कंध देश, 3. स्कंध प्रदेश और 4. परमाणु । स्कंध (Molecule ) - मूर्त द्रव्यों की एक इकाई स्कंध है अर्थात् दो परमाणुओं से लेकर अनंत परमाणुओं का एकीभाव या पिण्ड स्कंध कहलाता है। स्कंध का खण्ड भी स्कंध कहलाता है। स्कंध देश - स्कंध का कोई भी अंश या खण्ड ( Part) जो अपने अंगी से पृथग्भूत न हो, स्कंध देश कहा जाता है। स्कंध प्रदेश- स्कंध का एक परमाणु जो अपने अंगी से पृथग्भूत न हो, स्कंध प्रदेश कहलाता है। परमाणु-स्कंध का वह अंतिम भाग जो विभाजित नहीं हो सकता, परमाणु है। जब तक वह स्कंध गत है प्रदेश कहलाता है और पृथक् अवस्था में परमाणु कहलाता है। पहले कह चुके हैं कि दो या दो से अधिक परमाणुओं का पिण्ड स्कंध है। इसके साथ इतना और जोड़ना होगा कि यह पिण्ड परमाणुओं के एकीभाव से, स्कंधों के एकीभाव से अथवा स्कन्धों के विघटन के परिणामस्वरूप भी हो सकता है । घट, चटाई, स्याही, पृथ्वी, जल, हवा आदि समस्त भौतिक पदार्थ यहाँ तक कि इन्द्रियाँ, शरीर, मन, इन्द्रियों के विषय और श्वासोच्छ्वास आदि सब कुछ स्कंध के ही रूप है । ' यह दृश्य विश्व परमाणुओं के संघटन की ही देन है। परमाणुओं से स्कंध बनते हैं और स्कंधों से स्थूल पदार्थ । पुद्गल में संघातक और विघातक ये दोनों शक्तियाँ हैं । पुद्गल शब्द ही 'पूरण और गलन' इन 1. “शरीरवाङ्मनः प्राणापानाः पुद्गलानाम्” - तत्त्वार्थ सूत्र 5/19
SR No.034365
Book TitleVigyan ke Aalok Me Jeev Ajeev Tattva Evam Dravya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Lodha
PublisherAnand Shah
Publication Year2016
Total Pages315
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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