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________________ [35 चतुर्थ अध्ययन प्रमाण शरीर वाले ये सब जीव अलग-अलग सत्ता वाले हैं। पानी, मिट्टी आदि विरोधी तत्त्वों से परिणत को छोड़कर शेष अग्नि भी चेतनावान् हैं। सोना, ईंट, बुझे कोयले और गर्म पानी की आग शस्त्र परिणत होने से अचित्त होती है। अग्नि के जलाने और बुझाने में असंख्य तेजस्काय, असंख्य जलकाय, असंख्य वायुकाय और संख्यातीत त्रसजीवों की हिंसा होती है। अत: अग्निकाय के आरम्भ (हिंसा) से बचना भी आवश्यक है। __ वाऊ चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं ।।7।। हिन्दी पद्यानुवाद है पवन सचेतन कहा गया, सब जीव पृथक् सत्ताधारी। शस्त्रों से परिणत को तजकर, जानों ये भी जीवनधारी।। अन्वयार्थ-वाऊ = वायुकाय । चित्तमंतमक्खाया = चेतना वाली कही गई है। अणेगजीवा = अनेक जीव । पुढोसत्ता = पृथक्-पृथक् सत्ता वाले हैं। सत्थपरिणएणं = शस्त्र परिणत के। अन्नत्थ = अतिरिक्त वे सजीव हैं। भावार्थ-वायुकायिक जीव चेतनावान् हैं । उत्कलवात, मंडलवात, तनुवात, घनवात, झंझावात आदि वायुकायिक जीव हैं। मुख की जरा-सी फूंक में असंख्य जीव होते हैं। आघात, टक्कर और अग्नि आदि वायुकाय के शस्त्र हैं। पंखे की हवा, इंजन की वाष्प और गैस आदि की वायु अचित्त सम्भव है। आघात, टकराहट और अग्नि आदि शास्त्रों से वायु अचित्त होती है। वायु की टक्कर से उड़ने वाले सूक्ष्म प्राणी नीचे गिरकर सिकुड़ जाते हैं, मूर्च्छित हो जाते हैं व मर जाते हैं, इसलिये वायु का आरम्भ भी वर्जनीय कहा गया है। उपर्युक्त पृथ्वी, जल, अग्नि और वायुकाय के जीव अव्यक्त चेतना वाले होते हैं। जन्म से अन्धे, बहरे और गूंगे मनुष्यों की तरह छेदन-भेदन की वेदना भोगते हुए भी ये अपना दुःख और शोक प्रकट में व्यक्त नहीं कर पाते । फिर भी चेतनावान् होने से ये सजीव हैं। वणस्सई चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता, अन्नत्थ सत्थपरिणएणं तं जहा-अग्गबीया-मूलबीया-पोरबीया-खंधबीया, बीयरुहा, संमुच्छिमा, तणलया, वणस्सईकाइया सबीया, चित्तमंतमक्खाया अणेगजीवा पुढोसत्ता अन्नत्थ सत्थपरिणएणं ।।8।। हिन्दी पद्यानुवाद जो जीव वनस्पतिकायिक हैं, उनके ये भेद निराले हैं। कुछ अग्रबीज कुछ मूल बीज, कुछ पर्व बीज तनवाले हैं।।
SR No.034360
Book TitleDash Vaikalika Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimalji Aacharya
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages329
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size3 MB
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