SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 56
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ { 28 [ अंतगडदसासूत्र सारणे कुमारे = स्वप्न में रानी ने सिंह देखा । उनके सारण नाम का कुमार था, पण्णासओ दाओ, चोद्दस पुव्वाई वीसं वासाइं परियाओ = पचास-पचास स्वर्ण रजत कोटि का दहेज मिला। 14 पूर्व सीखे, बीस वर्ष दीक्षा पर्याय पाली, सेसं जहा गोयमस्स जाव = शेष गौतम की तरह यावत्, सेत्तुंजे सिद्धे = शत्रुंजय पर सिद्ध हुए । भावार्थ-उत्क्षेपक शब्द सातवें अध्ययन का प्रारम्भिक वाक्य है । अर्थात् आर्य 'जम्बू- "हे श्रमण भगवान महावीर ने छठे अध्ययन का जो भाव कहा वह सुना, अब सातवें अध्ययन का क्या अधिकार है ? कृपा कर कहिये ।" पूज्य ! आर्य सुधर्मा-“उस काल उस समय में द्वारिका नगरी थी । वहाँ का वर्णन प्रथम अध्ययन के समान समझा जाय। विशेष वहाँ वसुदेव राजा थे और धारिणी देवी उनकी रानी थी। देवी ने सिंह का स्वप्न देखा। उनके सारण नाम का कुमार था । उसे विवाह में पचास-पचास स्वर्ण रजत कोटि का दहेज मिला। सारण कुमार र ने सामायिक आदि 14 पूर्वों का अध्ययन किया । बीस वर्ष तक दीक्षा पर्याय का पालन किया । शेष गौतम कुमार की तरह शत्रुंजय पर्वत पर एक मास की संलेखना सहित यावत् सिद्ध हुए।" ।। इइ सत्तमं अज्झयणं-सप्तम अध्ययन समाप्त ॥ मूल अट्टममज्झयणं-अष्टम अध्ययन जइ णं भंते ! उक्खेवो अट्ठमस्स ! एवं खलु जम्बूं ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवईए नयरीए जहा पढमे, जाव अरहा अरिट्ठणेमी सामी समोमढे । तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहओ अरिट्ठणेमिस्स छ अंतेवासी, छ अणगारा भायरो सहोयरा होत्था । सरिसया, सरिसत्तया, सरिसव्वया, नीलुप्पल - गवल - ‍ -गुलिय अयसिकुसुमप्पगासा, सिरिवच्छंकियवच्छा कुसुमकुंडल - भद्दलया, नलकुब्बरसमाणा । तए णं ते छ अणगारा जं चेव दिवस मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारिय पव्वइया, तं चेव दिवसं अरहं अरिट्ठणेमिं वंदंति, नमसंति, वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी-इच्छामो णं भंते! तुब्भेहिं अब्भण्णाया मा जावज्जीवछ छद्वेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणा I
SR No.034358
Book TitleAntgada Dasanga Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimalji Aacharya
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages320
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_antkrutdasha
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy