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________________ { 194 [अंतगडदसासूत्र किया । चौला किया और सर्वकामगुण पारणा किया । बेला किया और सर्वकामगुण पारणा किया, तेला किया और सर्वकामगुण पारणा किया, उपवास किया और सर्वकामगुण पारणा किया, बेला किया और सर्वकामगुण पारणा किया, उपवास किया और सर्वकामगुण पारणा किया। इसी प्रकार चारों परिपाटियाँ समझनी चाहिये । एक परिपाटी में छह महीने और सात दिन लगे । चारों परिपाटियों का काल दो वर्ष और अट्ठावीस दिन होते हैं। इस प्रकार तप करती हुई अन्त में आर्या महाकाली भी संलेखना करके सिद्ध, बुद्ध और मुक्त हो गईं।।3।। ॥ इइ तइयमज्झयणं-तृतीय अध्ययन समाप्त ।। चउत्थमज्झयणं-चतुर्थ अध्ययन मूल- एवं कण्हा वि। नवरं महासीहणिक्कीलियं तवोकम्मं जहेव खुड्डागं। नवरं चोत्तीसइमं जाव नेयव्वं, तहेव ऊसारेयव्वं, एक्काए परिवाडीए एगं वरिसं, छम्मासा अट्ठारस य दिवसा । चउण्हं छ वरिसा, दो मासा बारस य अहोरत्ता, सेसा जहा कालीए, जाव सिद्धा।।4।। संस्कृत छाया- एवं कृष्णापि । विशेषः (एषा) महासिंहनिष्क्रीडितं तपः कर्म (करोति) यथा क्षुल्लकः । विशेष: चतुस्त्रिंशद् यावन्नेतव्यम्, तथैव उत्सारयितव्यम् । एकस्यां परिपाट्यां एकम् वर्ष षण्मासा: अष्टादश च दिवसाः।।4।। अन्वयार्थ-एवं कण्हा वि = इसी प्रकार कृष्णा रानी भी, नवरं महासीहणिक्कीलियं तवोकम्म = विशेष-महासिंह निष्क्रीडित व्रत किया, जहेव खुड्डागं = लघुसिंह निष्क्रीड़ित के समान । नवरंचोत्तीसइमं जाव नेयव्वं = विशेष 16 तक तप किया जाता है, तहेव ऊसारेयव्वं = और उसी प्रकार उतारा जाता है। एक्काए परिवाडीए एगंवरिसं = एक परिपाटी में एक वर्ष, छम्मासा अट्ठारस य दिवसा = छ: महीने और अट्ठारह दिन लगे. चउण्हं छ वरिसा, दो मासा = चारों परिपाटियों में 6 वर्ष, दो महीने, बारस य अहोरत्ता = और बारह अहोरात्र लगते हैं। सेसा जहा कालीए = शेष काली की तरह । अन्त में संलेखना करके, जाव सिद्धा = यह भी सिद्ध हो गई।।4।। भावार्थ-इसी प्रकार कृष्णा रानी का भी चौथा अध्ययन समझना चाहिये। महाकाली से इसमें विशेषता यह है कि इन्होंने महासिंह निष्क्रीड़ित तप किया । लघु-सिंह निष्क्रीड़ित तप से इसमें इतनी विशेषता है कि इसमें एक से लेकर 16 तक तप किया जाता है और उसी प्रकार उतारा जाता
SR No.034358
Book TitleAntgada Dasanga Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimalji Aacharya
PublisherSamyaggyan Pracharak Mandal
Publication Year
Total Pages320
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_antkrutdasha
File Size2 MB
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