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________________ घीन इजीए एक हवा तथा एकत्रय यांप बैउतारीए मध्ये मिरी टेल फोलावानांबा नागरका २ महिना बाए सर्वह लाईएक मिधाला चोप्रा ली जा गाए पुंसमास लगाए २४८म माता के माला वैज्ञानिनामसायाविमची चांदी रानगरो हाडसार एते रोग सर्व जाइ ३ नागुली सोक मारी बीउ समागना नही वो टिमुत्र सं या में वांधार ६१२ का बीलानी कलापमइटानसही: ४ राईसा गुगल राल बालारा अस्य वल्पा थाली में प्रहर २ रंग माल गाव चोदा निनामागम माला एतारोनजाती मइाश्ना पत्र साजा घृत से पचाइल गावी जाइ ६ ग्राफीका माजन र निप्पनीजम१पाकरी बांधी एड जाइ ७ घीवर्ट २४ मा लर्ट - १२ सुरदा सागी ६ राल६ मस्तकी ६ सिंह २६ मे २कयो ६ पहलीमथ एक काली ए पाउल घाली ए जवद्यामइलरा लपला एक होइ तिवार इंसाला पाणी मडा लाजै जुदारपोली मथाजै उताराजे से हरक थे। घा त्या पानकता र मलम होइ अरुची दीपाधरी चांदी ऊपर लगा बीए ठारचीदी बुल माला मेवामा दीदी नास्तर यांचा इस दिसू र्वरो जाना पान का रेली पान वाटी लेप बीमवाधी जडल नाश र जाइरीजम बोहरु काइ घावउपर दीजै या कैस हाल ही १० ॐधा हो लाजून को मोल गावाए रुक चीन ११ मा बालिकका अरु चांदी ना जा : १२ नीवबालिऋटीझष मकरा लो गुल घाना देकरी करनी में गामाए दन ६० नार्वरोगजांती १३ एक नाविष्टा पोलीस घसल गाइए चांदी नात्रा १४ रीवा बालि १२ मा सिलि १२ हरताल १ से २१ ही गल्ल १फटक की मरम श्राईक पालो १ मि स्व१] [२] सास १ दम सुंदर गूगल लगा वा घाऊ का लिलाला माघाला नारी पइते ताला मारंट मोह घाल सरसेल तेल १२ गावो न १२ गोमुत्र ४८ मोलाट १२ लटं ८ साधवट तेल घा में गूगल मइल पूचाव पचाई पीते पलोहवतासी रंग गोमुत्र घाली नें मरदीए द्न्इ माइल गाने वीदी चांईका पांच मोची बाउ दाद वृस्तन वादी हमाल गम बूम गुजवा दुष्टखलते रोजी कपाल सोहगी सीधव रां महदी साजी कला तो सम्मात्रा वाटीने को का जै लगाइए समाधि १६ के बायोकायो फाम एकत्र करी गावात मे मलम चांदीनाना | १७ काय के वमा यो ना लोथे माणस बोपरा तीन घसील गाजै न95फोफा को कम बीमें घाती र २७ हीराक सीनाश इक़ल कीगल कपीलो राल काला मटाल से हर काथो मोर को मोरदासगी बाली गोघृतमें पाव१ मध्ये घालूम यल सो का जर पल का जर पीलवाटी नघालीए मलम करील गाजै मेवालाइ १८ गते लेो ॥ मस्तंगी तो तेरी गली वीजहोलोमागे तो. एक वाटीका दाजे ० [आाव इसे उषध बालंबाल આચાર્ય શ્રી વિનયસાગરસૂરિના શિષ્ય અને પ્રકાશિત આયુર્વેદના અનુભૂત પ્રયોગાના સંલયિતા શ્રી પીતાંબરના હસ્તાક્ષરોમાં લખાયેલી પ્રતનું ચિત્ર: મૂળ વ્રત સંપાદકના સંગ્રહમાં છે.
SR No.034348
Book TitleAyurvedna Anubhut Prayogo Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKantisagar
PublisherBalabhai Lalabhai Makwana
Publication Year1968
Total Pages120
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size18 MB
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