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________________ ८० सहजता देता है तब बुद्धि का उपयोग करता है कि मुझे गाली दी, उसमें बुद्धि का उपयोग हुआ, इसलिए उसे तुरंत क्रोध आ जाता है । अगर कोई मेरे जैसा हो जिसमें बुद्धि नहीं है तो गाली दे तब भी क्या और नहीं दे तब भी क्या ? जब छोटे बच्चे को कड़वी दवा पिलाते हैं न, तब वह मुँह बिगाड़ता है, उसे द्वेष कहते हैं, वह भी कॉज़ कहलाता है और यदि अच्छी चीज़ देते हैं तो वह खुश हो जाता है, वह भी कॉज़ कहलाता है । खाना, वह कॉज़ नहीं है। यदि आप ताड़ का फल खाओ तो उसमें भी कॉज़ नहीं बंधते । कॉज़ तो सिर्फ खराब बोलने पर ही बंधते हैं। आपको खराब के साथ क्या काम है ? अब खा लो न चुपचाप ! लेकिन वे ज़्यादा सयाने बनते हैं न ! नहीं मानना, बुद्धि की सलाह को प्रश्नकर्ता : यदि अभी भी बुद्धि दखलंदाजी करती है तो क्या करना चाहिए ? दादाश्री : यदि बुद्धि इस तरफ दखलंदाज़ी करे तो हमें वहाँ से दृष्टि फेर लेनी चाहिए । यदि हमें रास्ते में कोई नापसंद व्यक्ति मिले तो हम इस तरफ मुँह फेर लेते हैं या नहीं ? उसी तरह से जो आपमें दखलंदाज़ी करता है उससे उल्टी दिशा में देखना ! दखलंदाज़ी कौन करता है ? बुद्धि ! बुद्धि का स्वभाव क्या है कि संसार से बाहर नहीं निकलने देती। प्रश्नकर्ता : बुद्धि कब खत्म होगी ? दादाश्री : अगर आप उसकी तरफ ज़्यादा देखोगे नहीं, दृष्टि बदलोगे तो फिर वह समझ जाएगी, वह खुद ही चली जाएगी। जब तक आप उसे बहुत मान देंगे, उसका एक्सेप्ट करेंगे उसकी सलाह मानेंगे, तब तक वह दखलंदाजी करती रहेगी। जहाँ इमोशनल वहाँ असहजता प्रश्नकर्ता : इसका मतलब मूल बात यह है दादा, कि यदि हम इमोशनल कम होंगे तो हमारा काम अच्छे से होगा ?
SR No.034326
Book TitleSahajta Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages204
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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