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________________ ज्ञानी पुरुष (भाग-1) दादाश्री : ऐसा उसमें लिखा हुआ है तेरस, चौदस भी हो सकती है। इस दिवाली के बाद में वह जन्म जयंती मनाई जाएगी, चौदस पर। प्रश्नकर्ता : अर्थात् कार्तिक सुद चौदस? दादाश्री : यों भी हम (ज्ञान दशा में) चौदस हैं और जन्म जयंती भी चौदस की। हम चौदस हैं, पूनम तो सीमंधर स्वामी कहलाते हैं। प्रश्नकर्ता : हाँ हाँ, ग़ज़ब है! आप चौदस हैं ? दादाश्री : यों हैं तो चौदस (356 डिग्री) और जन्म भी चौदस के दिन। वतन, चरोतरी छ: गाँव में से भादरण में प्रश्नकर्ता : जन्म हुआ ननिहाल में तरसाली गाँव में लेकिन आपका गाँव कौन सा है? दादाश्री : हमारा गाँव भादरण। छ:-सात हज़ार की जनसंख्या वाला गाँव। हम तो भादरण के पटेल हैं, छ: गाँव के पटेल। यानी कि पाटीदार कम्यूनिटी में यह टॉप क्लास गाँव है इसलिए हमारे यहाँ का दहेज-वहेज ज़्यादा है। प्रश्नकर्ता : तो वह बहुत रौबीला गाँव होगा? दादाश्री : हाँ, हमारे जन्म से पहले हमारे गाँव में रिवाज था, (जन्म से) बीस साल पहले वह रिवाज रहा होगा। वह क्या था कि कोई भी व्यक्ति घोड़े पर बैठकर गाँव में से होकर नहीं जा सकता था। यदि राजा भी जाते तो उन्हें भी उतार देते थे। प्रश्नकर्ता : भादरण चरोतर में है और चरोतर प्रदेश के बहुत ही बखान किए हैं कई संतों ने। दादाश्री : हाँ, कृपालुदेव ने कहा है कि 'यदि बनियों के यहाँ जन्म नहीं हुआ होता और यदि यहाँ पर चरोतर में हुआ होता, ऐसे लोगों के बीच में तो लोगों का बहुत कल्याण हो जाता!'
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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