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________________ [10.7] यमराज के भय के सामने शोध 407 कैसे कह सकते हैं ? यों गप्प तो नहीं हो सकती न? इसके मूल में कुछ तो होगा ही न?' यमराज के स्थान पर कौन है? प्रश्नकर्ता : कर्म का फल हो सकता है। दादाश्री : हाँ। वही कहलाता है कर्मफल लेकिन उसका कंट्रोलर तो होना चाहिए न यहाँ? लोग क्या कहते हैं ? 'अगर यमराज नहीं है तो उसके बजाय कोई तो होगा न? तभी ले जाता है न! इंसान मर जाता है तब, यमराज तो होना चाहिए न? यमराज के बिना तो कैसे चलेगा? यदि यमराज नहीं हैं तो वास्तव में क्या है ?' फिर लोग खुलासा तो माँगेंगे न? लेकिन वास्तव में क्या है? वह नियमराज है। क्या है? प्रश्नकर्ता : नियमराज। दादाश्री : मुख्य बात आपको बता देता हूँ। यह नियमराज था उसका इन लोगों ने 'नि' निकालकर यमराज कर दिया। वास्तव में नियमराज है। अब उसके बजाय यमराज कहते हैं। तो बोलो, लोग बेचारे उलझ ही जाएंगे न! यमराज और नियमराज में फर्क है या नहीं? क्या यमराज और नियमराज में फर्क नहीं है? प्रश्नकर्ता : बहुत फर्क है। नियमराज से नहीं लगेगा भय दादाश्री : जगत् को नियम ही चलाता है, और कोई चलाने वाला नहीं है। कोई नियम है। इस नियम के अधीन ही यह संसार है। यमराज के अधीन नहीं है। यमराज के अधीन नहीं है। यह नियमराज के अधीन है। किसके अधीन है? प्रश्नकर्ता : नियमराज। दादाश्री : नियमराज अर्थात् एक तरह का व्यवस्थित, यह सब नियम से ही चल रहा है। अब इसमें क्या कोई इस तरह शिकायत करेगा?
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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