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________________ 292 ज्ञानी पुरुष (भाग-1) काम हो जाएगा'। किसी परेशानी की वजह से ऐसा रास्ता अपना लिया बेचारे ने। तो क्या इसका मतलब यह है कि वह इंसान नहीं रहा? ये पशा भाई डॉक्टर बने और उनके चाचा का बेटा किसी दूसरे रास्ते पर चला गया तो क्या इसका मतलब ऐसा है कि वह इंसान नहीं रहा? तो क्या फैमिली में से निकल गया? क्या उसे हमें निकाल देना चाहिए? प्रश्नकर्ता : लेकिन वह तो ऐसा है कि जब तक यह शरीर है तब तक सभी हैं। दादाश्री : रिलेशन है न! ब्लड रिलेशन है। आपने कहा न, 'मैं भादरण के मुहल्ले का हूँ'। यानी बड़ी खड़की वाले मेरी चौदह पीढ़ियों के रिलेशन में हैं। आप दसवीं या ग्यारहवीं पीढ़ी में आते होंगे न? रिलेशन है न? प्रश्नकर्ता : भादरण में दो खड़कियाँ (मुहल्ले) हैं, एक छोटी और एक बड़ी। दादाश्री : ठीक है। बड़ी खड़की वाले मेरे चौदहवीं पीढ़ी के संबंधी हैं, तो आपके संबंध कुछ दो-तीन पीढ़ी कम होंगे, लेकिन हम सब एक ही हैं न? जुदाई है ही नहीं न? इस छठी पीढ़ी के हम चाचा बने। किसी की आठ पीढ़ियाँ है, किसी की सात पीढ़ियाँ है और वह भी सिर्फ यहाँ पर व्यवहार के लिए ही। यदि झगड़ा वगैरह हो जाए तब फिर तु कौन और मैं कौन? यहाँ तो बाप के साथ भी झगड़ा हो जाता है तब क्या होता है? अहंकार की लड़ाई लेकिन कपट नहीं होने से एकता प्रश्नकर्ता : लड़ाई भी बहुत होती है, दादा? दादाश्री : वह तो, घड़ी भर में, जब वे खुश-खुश हों तब, ऐसा भी कहते हैं कि 'ये मेरे चाचा लगते हैं, मेरे फादर के चाचा हैं, और कुछ लोगों ने अपने खड़की (मुहल्ले) वाले को टोका कि यह अंबालाल
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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