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________________ [9] कुटुंब - चचेरे भाई-भतीजे ज्ञानी भी खिलौना, ब्लड रिलेशन के प्रति नहीं है खिंचाव प्रश्नकर्ता : ज्ञानी को जो भी परिजन मिलते हैं उनके साथ पहले का कितना ऋणानुबंध होता है ? पूर्व का ऋणानुबंध कितना इफेक्ट करता है ? और क्या ज्ञानी को उनके प्रति खिंचाव रहता है ? दादाश्री : वे भी खिलौना और ज्ञानी भी खिलौना । ज्ञानी को बहुत आकर्षण नहीं रहता, चुंबक और आलपिन जितना आकर्षण रहता है I प्रश्नकर्ता: ऐसा ! दादाश्री : ब्लड रिलेशन है न! ग्यारह पीढ़ि से हमारा एक ही गाँव अब बोलो, ब्लड रिलेशन है या नहीं ? प्रश्नकर्ता: पक्की तरह से । I दादाश्री : हमारे यहाँ दोनों मुहल्ले हमारे ही कुटुंब वालों के थे प्रश्नकर्ता : हाँ, तो नागजी भाई (ग्यारहवीं पीढ़ी के परदादा) के सामने हम सब एक ही हैं। दादाश्री : सही है । तब एक व्यक्ति ने मुझसे कहा कि, 'मैं तो जुआ खेलता हूँ और ऐसा सब करता हूँ और रमी खेलता हूँ' । 'अरे, कोई बात नहीं, बैठ । तू सब खेलता है लेकिन जीवित है न ! मुझे मिला है न, तेरा
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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