SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 328
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [8.2] भाभी को उपकारी माना ही शक्तियाँ उत्पन्न होती हैं, लेकिन मशीन हॉर्सपावर वाला होना चाहिए । मेरे बड़े भाई और मेरी भाभी मेरे लिए अति उपकारी बन गए। धर्म में मेरे लिए बहुत ही मददगार बने । उनके अब्स्ट्रकशन से ही मैं आगे बढ़ा हूँ । मेरे वैराग्य की निमित्त बनीं भाभी 263 मेरी भाभी तो मेरा तीर्थधाम हैं । यह ज्ञान हुआ, उसके लिए उनका आभारी हूँ। वे अगर ऐसी नहीं होतीं तो मुझे वैराग्य नहीं आता। प्रश्नकर्ता : यानी कि पूर्णतः वैराग्य के बीज वहीं से बोए गए, ऐसा कह सकते हैं न? दादा के वैराग्य की निमित्त भाभी बनी थीं। दादाश्री : उन्होंने हेल्प की वैराग्य में, ऐसा हुआ कि मूल रूप से वैराग्य तो था ही, और भी अधिक वैराग्य उत्पन्न हो गया । अतः उनका उपकार मानता था। मोक्ष के रास्ते पर ले जाती हैं चीकणी फाइलें मोक्ष में जाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा उपकारी कौन है ? तो वह है, चीकणी फाइलें (गाढ़ ऋणानुबंध वाले व्यक्ति अथवा संयोग ) | और हल्की फाइलें हमें निकलने नहीं देतीं। हल्की यानी कि जो मीठी लगती हैं, वे हमें मोक्ष में जाने में मदद नहीं करतीं। आपको जाना हो तो जाओ, वर्ना कोई बात नहीं । वर्ना नाश्ता करो आराम से । अतः मैंने तो जमा किया है। इसलिए हमारी भाभी से रोज़ कहता हूँ कि, 'आप हो तो मुझे प्राप्त हुआ है, वर्ना मैं नहीं पा सकता था । धन्यभाग्य ! मेरा कल्याण हो गया!' अब इन बातों को सुनने में टाइम बेकार जाएगा इतनी ही बात हैं न, क्या फायदा है इससे ? प्रश्नकर्ता : इससे तो ताल बैठता है, दादा । यह तो महान पुरुषों के जीवन से ताल बैठाते हैं कि जब यथार्थ दर्शन होता है तब इंसान इस प्रकार तेज़ी से प्रगति करता है । यों कितने सारे साइन्टिफिक सरकमस्टन्शियल एविडेन्स मिल जाते हैं !
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy