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________________ [6] फादर लिखते हो, तो धन तेरस से आप उसमें नफा लिखते रहो और पूरे साल का नुकसान उसमें से निकाल दो तो चलेगा ? प्रश्नकर्ता : नहीं चलेगा। दादाश्री : ऐसा क्यों ? प्रश्नकर्ता : वह तो पूरे साल का ही आएगा न ! दादाश्री : तब इसमें भी पूरी जिंदगी का आता है ! लोग तो उनके साथ छल करते हैं! लोगों को मूर्ख बनाते हैं । 179 प्रश्नकर्ता : लेकिन दादा जब इंसान की अंतिम अवस्था होती है, जागृत अवस्था होती है, अब उस समय कोई उन्हें गीता का पाठ सुनाए, या फिर और किसी शास्त्र का सुनाए, अगर वह उसके कान में पड़े... दादाश्री : यदि वह इंसान खुद कहे और उसकी इच्छा हो तब। वह राम कह रहा हो तो राम ! लेकिन अभी इस समय वह किसमें है, वह आपको कैसे पता चलेगा ? उस समय तो वह न जाने कहाँ हो 'कि मेरे छोटे बेटे का ठिकाना नहीं पड़ रहा है !' मरते समय तो पूरी ज़िंदगी कासार आता है। एकदम नाम लेने का कहेंगे तो उससे क्या होगा ? तब लोग उन्हें इस तरह की बातें कहते रहते हैं। अगर वे कहें कि 'मेरी हेल्प करो' तो ठीक है। मेरी ऐसी इच्छा है । तो तब उस समझ को टिकाना चाहिए लेकिन अगर उन्हें भान ही न हो और फिर कान में 'राम राम' करें तो वहाँ राम कैसे रहेंगे? आप कौन से राम की बात कर रहे हो ? राम तो बहुत सारे लोगों के बच्चों का नाम है । क्या आप दशरथ के बेटे की बात कर रहे हो? ऐसा सब नहीं चलेगा ।
SR No.034316
Book TitleGnani Purush Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Other
File Size2 MB
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