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________________ (९) पर्या०वि० (४) सूक्ष्मवायुकाय अपर्या० वि० (५) सूक्ष्मतेऊकाय पर्या० सं० गु० (६) सूक्ष्मपृथ्वीकाय पर्या० वि० (७) सूक्ष्मअप्पकाय पर्या० वि० (८) सूक्ष्मवायुकाय पर्या० वि० () सूक्ष्मनिगोद अपर्या० असं० गु० (१०) सूक्ष्मनिगोद पर्या० सं० गु० (११) सुक्ष्मवनस्पतिकाय अपर्या० अनं० गु० (१२) सूक्ष्म समुचय अपर्या० वि० (१३) सूक्ष्मवनस्पतिकाय पर्या० सं० गु० (१४) समुचयसूक्ष्म पर्या० वि० (१५) समुचयसूक्ष्म वि० [१७] (१) सबसे स्तोक, बादर सकाय (२) बादरसेऊकाय असं० गु० (३) बादरप्रत्येक. शरीर वनस्पतिकाय असं० गु० (४) बादर निगोद असं० गु० (५) बादर पृथ्वीकाय पसं० गु० (६). बादर अप्पकाय असं० गु० (७) बादर वायुकाय पसं० गु० (८) बादर वनस्पतिकाय अनं० गु० (६) बादर समुपय वि० [१८] (१) सबसे स्तोक, बादरत्रसकाय अपर्या० (२) बादर तेऊकाय अपर्या० असं० गु० (३) बादर प्रत्येक शरीर बमस्पतिकाय अपर्या० असं० गु० (४) बादरनिगोद अपर्या० नसं० (५) बादर पृथ्वीकाय अपर्या० असं० गु० (६) बादरअप्पकाय अपर्या० असं० गु० (७) बादर वायुकाय अपर्या० असं. गु० (८) बादर वनस्पतिकाय अपर्या० अनं० गु० (९) बादर समुचय अपर्या० वि० . [१९] (१) सबसे स्तोक, बादरतेऊकाय पर्या० (२) बादर प्रसकाय पर्या० भसं० गु० (३) बादर प्रत्येक शरीर
SR No.034233
Book TitleShighra Bodh Part 11 To 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1933
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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