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________________ ६४ ४५७ चक्षु० में ४५५/ कृष्ण प्र. शरीरमें ४५६/ अधो० तीर्य० तीनशरीरीबादर १४ ३२२८८ १२२ अप्रशस्तलेशी बादरमें १४ ३८३०३/१०२ ४५८/ उर्ध्व तीर्य० एकान्त छन । - રરરર ૮ ४५६/ उर्ध्व० तीय० के एकसंस्थानीमें __० ३८१२७३/१४८ ४६०/ उर्ध्व तीर्य० एकान्त छद० घ्राणेइन्द्रियमें २४२८८१४८ ४६१अधो० तीर्य के चक्षुइन्द्रियमें | १४) २२३ ०३/१२२ ४६२/ अधो० तीर्य० बादर एकान्त छद में ] १४ ३८२८८१२२ ४६३/ अधो० तीय० घाणेन्द्रियमे १४ २४३०३/१२२ ४६४ स्त्रि० गतिके अधो० तीर्य० तीन शरीगेमें १२ ४२२८८१२२ ४६५/ अ. तीर्य के त्रसमे । १४/ २६/३०३/१२२ ४६६/ अधो० तीर्य के तीन शरीरीमे | १४ ४२२८८/१२२ ४६७ अप्रशस्तलेश्यामें ४६८/ उर्ध्व तीर्य० तीन शरीरीबादरमे 0 ३२२८८१४८ ४६६/ उर्ध्व तीर्य० एकान्त असंयम बादरमें 0| ३३२८८१४८ ४७०/ अघो० तीय० एकान्त छद० त्रि० गतिमे | १२| ४८२८८१२२
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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