SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 81
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५५ २९६| एकान्त संज्ञीमें २९७ स कृष्णलेशी मरनेवालो में ७ २९८ पांचेन्द्रि पर्याप्ता एक संस्थानी में २९९ चक्षुन्द्रि पर्याप्ता एक संस्थानी में ७ ३०० स्त्रिवेद एक संस्थानी में ३०१ | एक संस्थानी दारीक बादरमें ३०२ घ्राणेन्द्रियेक संस्थानी चर्म मरने ० ३०३ मनुष्यमें ३०४ नोगर्भेज पांचेन्द्रिय मिश्रयोगी ३०५ सम्य० श्रागति कृष्ण ० बादर में ३०६ तीर्यकु प्राणेन्द्रिय मिश्र योगीमें ३०७ तीर्य त्रस मिश्रयोगीमें थोकडा नम्बर ७२. ३०८ सास्वता मिथ्यात्वीमें ३०९ सम्य० श्रागति एक संस्थानी त्रसमें ३१० प्रौदारीक तीनशरीरी एकसंस्थानी में १३ ३ २६ ११७.५१ 150 ee ९९ ६ १८७९९ ३११ प्रौदारीक एक संस्थानी में ३१२ नोगजक प्रगति कृष्ण ० ० ० ० २८ २७३ ७ १४ १८७९४ ० X ० ७ ७ ប ०३०३ १४ ५ १०१ १८४ ३ ३४ २१७ ५१ १७ २१७ ७३ ० १८ २१७ ७२ ० | १७२ १२८ ० ५२०२९४ १६ १८७९९ ३७ २७३ | ० ३८ २७३ O ० ० तीन शरीरी ० ४३ २१७.५२
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy