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________________ २७२ " तेरहवातक? " सयोगीमें .. " __" चौदहवातक? " समचयमें " आठवा मौवा दशवा? शुक्लध्यान सकषायिमें पावे । आठवासे इग्यारवा? " मोहसत्तामें " " बारहवातक! " छदमस्थोंमें " " तेरहवातक? " सयोगीमें "। चौदवातक! समुचयमें " नौवा दशवा इग्यारवा : अवेदी मोहसत्तामे पावे । नौवासे बारहवातक! छद्मस्थोंमें " " तेरहवातक! " सयोगीमें " " चौदवातक? " समचयमें " दशवा इग्यारवा बारहवा ? अकषायि छदमस्थों में। दशवासे तेरहवातक? " सयोगीमें " चौदहवांतक ? " समुचयमें पावे । इग्यारवा बारहवा तेरहवा ? वीतराग सयोगीमें पावे । इग्यारवासे चौदहवातक ? समुचयमें पावे। बारहवा तेरहवा चौदहवा ? क्षीण वीतरागीमें पावे । इनके सिवाय भी गुणस्थानों के विकल्प हो सकते है लेकीन जो उपर लिखे विकल्प कण्ठस्थ कर लेगा वह स्वयं ही हजारो विकल्प कर सकेगा वास्ते यहां इतनाही लिखा है इति । इति शीघ्रबोध भाग १० वां समाप्त ॥ समा त. VIRAL
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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