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________________ ,, इग्यारवा ? ,, बारहवा १ तेरहवा १ चौदवा ? 15 नौषा और दशवा गु० १ अवेदी "" د. 29 ر" ܐ ܕ " " ور 17 ,, 35 " 39 ,, इग्यारवा ? " " 33 बारहवा १ तेरहवा १ १ " चोदहवा ० " 75 " "" 37 २६४ " ܕ ܕ " 99 " मोहलता के छद्मस्थ के सयोगी के समुचय " 39 " " दशवा और इग्यारवा० ? मोह अबन्ध मोहसत्ता गु० में पावे बारहवा १ छद्मस्थ गु० चरमान्तमे सयोगी के तेरहवा ? चौदवा ? "" >> " समुचय गु० के इग्यारवा और बारहवा ? वीतराग छद्मस्थ गु० ते पावे तेरहवा ? योगी के चरमान्त में 15 " चोदहवा ? बारहवा और तेरहवा ? क्षीण मोह संयोगी में पावे 2) "> 39 चौदहवाo ? समुचय गु० के चरमान्तमें तेरहवा और चोदहवा गु० ? केवली भगवान् में पावे x नौवे मु० के शेष दो समय रहते हुवे अवेदी हो जाते हैं। छंदूमस्थ गु० के संयोगी के के " समुचय गु० के सकषायि गु० में पावे मोहसत्ता के चरमान्त में " 39 " "" "" " دو 33 समुचय गु० के चरमान्त में
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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