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________________ २६८ ., , चौदह ,, . , , समुच्चय ,,. पांचवो ओर छठो गु० व्रती प्रमादी गुल में पाये। , सातवा ,, ,, तेजोलेशा के चरमान्तमे ,, ,, आठवो ,, , हास्यादि के चरमान्तम ,, ,, सवेदी गु० के , , , दशवो ,, ,, सकषायि , , . , ,, इग्यारवो,, ,, मोहसत्ता , , , , बारहवो ,,, छमस्थ , , , तेरहवा ,, ,, संयोगी , , चौदहवा,, ,, समुच्चय ,, ,, और सातवा गु० तेजोलेशी साधु में पावें ,, ,, आठवो ,, हास्यादि , के चरमान्तम , ,, नौवो ,, सवेदी ,, के , दशवा ., सकषायि ,, के , , इग्यारवी,, मोहसत्ता , के , ,, , बारहवो , छमस्थ ,, के ,, ,, तेरहवो ,, सयोगी , के ,, , चौदहवा ,, समुच्चय ,, के । सातवां और आठवा० अप्रमादि हास्यादि गु० मे , , नौवा गु० , सवेदी के चरमान्त में , , दशधा , सकषायि , " . , इग्यारवा , मोहसत्ता के , , , बारहवा , छमस्थमेके ,, , , तेरहवा० १ , सयोगी के ,, , , चौदहवा ? , समुचय गु.के,, आठवां और नौवां गु० १ शुक्ल ध्यान सवेदी गु० में ,, ,, दशवा ? , सकषायि के चरमान्त में
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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