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________________ १ मनुष्य, १ व्यंतर, १ ज्योतिषी और धैमानिक एवं १६ दरक समझ लेना । पृथ्वीकाय जघन्य पदे कुरजुम्मा, उत्कृष्ट पदे वापर तुम्मा और मध्यम पहेचारों मांगा पाये। इसी तरा अप, तेज, बायु, बेरिन्द्री, तेरिन्द्री और चौरिन्द्री भीसमझ लेना बनस्पति मधन्य उस्कृष्ट पदे अपदा मध्यम पदे चारों भांगा पाये एवं सिर भगवान भी समझना. पनर दरक की श्री ( मनुष्य १, तोर्यच १, देवता ११) मधन्य उत्कृष्ट पदे कुड जुम्मा, और मध्यम पदे चारों भांगा। सेवभंते सेवंभंते तमेव सचम्. थोकड़ा नं० ८६. (श्री भगवती सूत्र श० २५-उ० ३.) ( संस्थान जुम्मा ) हे भगवान् ! एक परिमंडल संस्थान द्रव्यापेक्षा क्या कुरहम्मा है यावत् कलउगा जुम्मा है ? गौतम ! कलउगा जुम्मा है, शेष कुरजुम्मादि तीन बोल नहीं पाये। एवं बट्ट, प्रस, चौरस और आयतन भी समझना क्योंकि एक द्रव्यका प्रश्न है इस लिये कलउगा जुम्मा ही होवे । घणा परिमंडल संस्थान के प्रश्नोत्तर में पहिले इसके दो भेद बताये हैं समुचय (सर्व) और अलग अलग। समुपम भाषीय परिमंडल संस्थान कीसी समय कुडलुम्मा है यावत् स्थात् कलउगा है और अलग अलग की अपेक्षा से कीसी भी
SR No.034232
Book TitleShighra Bodh Part 06 To 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherVeer Mandal
Publication Year1925
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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