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________________ क्रियाधिकार. ( ३२ ) पहला देवलोककी देवी ( ३३ ) पहला देवलोकके देवसे नोट -- नरकादिसे निकल मनुष्यका भव कर मोक्ष जाने कि अपेक्षा है। "" 95 इति मोक्ष तत्व || इति नव तत्व संपूर्ण. सेवंभंते सेवते तमेवसच्चम्. ( १ ) नामद्वार ( २ ) अर्थद्वार ( ३ ) सक्रियाद्वार ( ४ ) क्रिया कीन से करे (५) क्रियाकरतां कोतने कर्म बन्धे. ( ६ ) कर्म बान्धतो क्रिया ( ७ ) एक जीवकों कीतनी ० (८) काइयादि क्रिया ( ९ ) अजोजीया क्रिया (१०) कीती क्रिया करे (११) आरंभीयादि क्रिया ( १२ ) क्रियाका भांगा (१३) प्राणातिपादि ( १४ ) क्रियाका लगना थोकडा नम्बर २. ( श्री पनवणादि सूत्रों से क्रियाधिकार ) ( १३३ ) ( २१ ) जाल (२२) किरिया ( २३ ) भंड वेचे २४ ) ऋषीश्वर " (१५) अल्पाबहुत्व ( १६ ) शरीरोत्पन्न ( १७ ) पांचक्रिया लागे (१८) नौ जीवोंको क्रिया (१९) मृगादि क्रिया ( २० ) अग्नि ( २५ ) अन्त क्रिया (२६) समुदुग्धात (२७) नौ क्रिया "" २८) तेरहा क्रिया (२९) पचवीस क्रिया
SR No.034231
Book TitleShighra Bodh Part 01 To 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherSukhsagar Gyan Pracharak Sabha
Publication Year1924
Total Pages430
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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