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________________ पोदकीरुतेऽशुभचेष्टाप्रकरणम् । ( १३३ ) शास्थिवा मरणं नराणां काष्ठानना कष्टमुपादधाति ॥ अंगारका क्षयकृत्कुलस्य बंधाद्भयं जल्पति रज्जुक्का ॥ ॥ ९४ ॥ तनुं धुनाना फलहा निरोगौ ब्रवीति चंच्चा हनेनन घातम् ॥ त्रोट्य पत्राणि भुवि क्षिपती स्यात्पोदकी कार्यविनाशयित्री ॥ ९५ ॥ नश्यंति सर्वाणि समीहितानि धनुमूर्द्धविधूननेन ॥ शत्रूद्भव भीतिमुपादधाति श्यामा प्रविस्तारितवामपक्षा ॥ ९६ ॥ ॥ टीका ॥ भस्मनि स्त्राती जीवनाशं परिव्राजकर्ता संन्यासं वा विधत्ते ॥ ९३ ॥ केशास्थीति ॥ केशास्थीनि वक्रे मुखे यस्याः सा नराणां मरणमुपादद्धाति करोति । काष्ठानना काष्ठमान ने सुखे यस्याः सा पुनः कष्टं कुरुते । अंगारवत्रा कुलस्य क्षय क्रुद्भवति । रज्जुवक्राधाद्भयं जल्पति ॥९४॥ तनुमिति ॥ तनुं शरीरं भुनाना कंपयंती फलहानिरोगौ फलस्य हानि: 'फलहानिः फलहानिश्व रोगश्चफलहानिरोगावितरेतरद्वंद्वः । त्रवीति कथयति । चंच्चा हननेन कुट्टनेन शरीरस्येति शेषः । घातं शस्त्रघातं ब्रवीति पत्राणि पिच्छानि संत्रोटय भुवि क्षिपती पोदकी कार्यविनाशयित्री कार्यविनाशकर्त्री स्यात् ॥९५॥ नश्यंतीति ॥ धनुर्धरीमूर्द्धविधूननेन मस्तकविकंपनेन सर्वाणि समीहितानि वांछितानि नश्यति नाशं प्राप्नुवंति। श्यामा प्रविस्तारितवामपक्षा प्रकर्षेण विस्तारितो विस्तारं प्रापितो वामः सव्यः पक्षो गरुत् यया सा तथोक्ता गरुत्पक्षच्छदाः पत्र पतत्रं च तनूरुहम् ॥ भाषा ।। करे और राख में न्हाय रही होय तो जीवनाश करै अथवा संन्यासी कर दे ॥ ९३ ॥ केशास्थीति ॥ केश हाड ये बाके मुखमें होंय तो मरण करें और काष्ट मोडेमें होय तो कष्ट करावे और अंगार वाके मोढेमें होय तो कुलको क्षय करावे वारी जाननी और रज्जु जो जे -वडी मुखमें होय तो बंधनते भय करावे ॥ ९४ ॥ तनुमिति ॥ जो शरीरकूं कंपायमान कररही होय तो फलकी हानि करे और रोग करे और चोंच करके शरारकूं प्रहार करती होय तो घात करावे पोदकी अपने पंखनकूं काटके उखाडके धरती में पटके तो कार्यकी विनाशकर्ता जाननी ॥ ९५ ॥ नश्यंतीति ॥ पोदकी मस्तक कंरायमान करती होय तो संपूर्ण कार्य नाश करे और वायें पंखकूं फैलाय दे लंबोकरदे तो शत्रुते भय प्रगट करे Aho! Shrutgyanam
SR No.034213
Book TitleVasantraj Shakunam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVasantraj Bhatt, Bhanuchandra Gani
PublisherKhemraj Shrikrishnadas
Publication Year1828
Total Pages606
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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