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________________ 180 907. सृजसको सजसको T | सृज् सूक् इत्यादेशौ भ-Bाज सृ इ-पत्रिकणी Bसृज्वरी V| 908. ध्यापो- CV । प्यायतेः पी च । पीवा TI 909. अर्ध च अंतेई च T om. VI धश्चांता-TI 910. भ्रात्स-TI-रीरीण-V | प्रसत्वा B TV| प्रसत्वरी B TV परीत्वरी च T | सगरः 911. भसति तदिति B1 वसवो ऽदुरितं TI एवं om. T! जायमानवे- B1 वेदना om. VI परेहास- Vउष B | उष्मा B | आतपः TH देहः for शरीरम् V | सन गृहं च V|स्वर्ण VI रज्यु: T रक्षुः VIभुवनं for स्थानं V । साम Tसोमः V| यज्ञ T| चंद्रमाश्च T | अय्मः T अयमा V | तवमा तरिः आताप: T | हयद्रव्यं T1-होत्रं ।। 912. एभ्यो मन प्र-T.उष्मा TVसर्पशि- BI 913. ब्रह्म B TV I बृहत्वादा- B वृहत्वा । दात्मा T वृहत्वा आत्मा V। ब्रह्मा BT VI 914. एदौतौ TV ।व्योमः T | व्यामा TE 915. -रिच वा BI भवति वा B सामा B1 -चचन B1-दिव्यादि । 916. -रोमन- om. BI-पामन्- for पाप्मन् B VI अंतः कर्म V-र्घश्च वr V अत्मा B | वेग-= $ IV, 2. P. VI, 1, 45.। मेरुच्च TV क्रोम T-णादिः Vायते प T-यतेः तप च V कर्षों तौ V अक्षादिरोV। यक्षणो B V । यष्मा T इतेः तो- V। 918. प्रसूतश्च BI 919. T adds, from the commentary of the following Sutra, आगमि--- प्रस्थितादिः before गमीष्यतीति, and प्रस्थितादिः after गमी। 921. असविष्य- BI 923. -बुधि-CV | प्रयायां । प्रतियायी T। प्रतियास्यति भ- T। बालादि । 924. प्रस्थास्यते प्र- BTI 925. भीरु-=S II,3. P. VIII,3,81 । 926. पथिपियः वजश्च Vबजश्च for वजश्च 935. नसि- Tनकनन् इ- BI 936. दिवावसानं VI 937. -कमि- om. VI-समिशमिभ्यो BI कज्जल [कं जलं ] for कं पानीयम VI 938. प्रत्यक्षे निर्देशे B प्रत्यक्षनिर्दिशः ।। 939. किर्डिम् V1 स्मात् डिम् प्र- TI 940. -रीम BCVI लोंतश्च BI 942. कृमि- TI-गमि-om. VI-क्षमिVBp. m. I भः for भाम: VI 943. देहांतराव--- Bआदिश om. BI 944. निपात्यते । वृणाते-Vपय[:] for पानीयम् V1 कर्मणि कारकै [ के ] दश्च B। इत्य च B| च om. VI 947. पुन सनु-BI पुनः सततान्तश्च पुनसनता उतश्च V । पुनः सनुतः अंतः इ-- B पुनः सन्त उंन इ-TI 948. चतेरुरा च BI 949. -डिदिव प्र-Tनभश्च for अन्तरिक्षं घVI 950. वैश्यः विट पु- V । वशिष्टमिति TI 951. षषषष चादेशो BI . 952. सर्वस्माद्धातोः ब- B। -नादिः । पक्ष्मी Bप्राणिभ्यां -कृता चावस्था B कृतावस्था च । । श्रावणश्च मासः B श्रावणमास: V। मनः। नो इ-B मनः नो ई-T मननो: ई-V. Perhaps अंतरिन्द्रियं to be read.। द्याव-VI भाजनं B | यमि गतौ यम: BI 953. पयः ह्यौ C । इत्याभ्याम-- TI -देशौ चानयो- B। तरातीतदिने BI-तरोतीते. V । 954. -ख्यं छ- -शौ चानयोर्भवतः Bछद् ओध इत्या- TIक्षीराधानः ।। 955. शव इ-TI रोगाविधानं V। शबसी । शबांसि BI 956. विश्ववेदः B। विश्वभोज: BI 957. चायो नो B चायेनौं C नकारांतादेशो Bचाणः चणच Bणत्वं om. BTEनेछंत्यन्ये TI 958. महात्म्यं B. ज्ञानं om V वृहदे- B TV वृहद्य- B TV I | श्रुतः सन् एनो VI 959. उर्ज च CT VI जां- BI 961 धश्चां-- BI अंध: BV | अधरं VI रक्षाः TA 962. भही चांती BE 963. अदेरंध CTVIच वा om. BI -प्रत्यक्षमप्रत्यक्षं विप्रकृष्टं बुद्धिस्थमप- TI-कृष्टमपा- BI 964. रांजाश्च BI अप BTI Sसर अ BI 928. भक्षाणौ । भुक्षाण: om. TI . 931. इस्वश्च भवति अस्य BI 932. स्कुन्नातीति B स्कुनाते सः षश्च BI सित् TI चंद्र: for चन्द्रमाः ।। 933. अविर्मः । . Aho 1 Shrutagyanam
SR No.034211
Book TitleUnadigana Sutra
Original Sutra AuthorHemchandracharya
Author
PublisherEducation Society Press
Publication Year1895
Total Pages314
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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