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________________ 179 849. -दिरंधः प्र-B | व्रण: B | यवलाजः । -द्विश्येषस्य | |-शेषास्य B-प्रतिपत्यासस्या BV I विष्कंभश्च BI TIसाध्वव | साध्विव VI 851. डेरुः B1 कशेरुः B | कंदीवि-BI 884. कर्तृ: B TV| वृहन् B TV| 855. सव्येष्टाः T सव्येष्टा VI वृहती B TV I महत् V-विदुः VIचित्रकण856. -ननंदिभ्यो V | यति नज़-BI निया- जातिः V। -सितमाज्यं Vास्थूल-= Ujjv. Un. ता BIपतिः VI -भगिन्यौ BV | ननंदा BI 11, 84.। द्याद्यर्थः ।। नखादि-=DS. IH, 2. P. VI, 3, 75.1 885. कर्तृः प्रत्ययौ डिद्भवति T । जगत् 857. -नीऋक्षु-T-हवृध-C | राजा चर.. जगती भूः ।। T| सरथिः V । मुशलं B मशल V | घातका 886. -र्डवतु V। उत् दीर्घत्वा यर्थः ।। इत्याद्या अपि V | 887. हृ-- हरित् om. Tहरितःom, 858. इकारो तादेशो TI VIगछति नरं यो- V। इति om. BI 861. ऽप च B| -स्यादेशश्च || TI 888. तकम् om. BV नाम्न्यु- = S. 862: पच CTV I II, 2. P. VI, 3, 57.1 863. -दानी- T। उत्पूर्वात् B । एते 890. मादेवा सूर्यः forआदित्यःVतक्षा om. TI om. V । तृणं om. B I स्वर्ण V । बर्हि : T V. 864. ऋत्विद्यभिधेये TI 891. रुत् । 865. विरेतोच्च T विषेरितो इञ्च VI 893. -स्मादृथुः प्रत्ययः किद्भवति TI दैव-TI-वद्धिकिः । । सूर्यश्च V । क्षदः ।। इति 894. दरत् जनपदः समानशब्दः BIदरादो om. V। क्षेता BV | नियुक्ताः V। मुशलः B सौत्र: om. TI BV om. T| गजासुरं for पारशवः TI पार- 895. डत् VI वशः VI 896. This Sūtra is missing in C. 1 867. नभश्च for अन्तरिक्षं च V च्या -स्मात्तदित्ययं प्र- T। एषः अयं V। शब्दः दि: TI om. BI 869. कः कित्का-BVIइ: उच्चा-V | 897. सत् ।। -सदित्येवं प्र-TI 870. कित्कपत्य-BI एव TI 899. किट C । मद् इत्ययं प्र-- TV 871. -स्मानुक् प्र । इ: उच्चा--V। 900. -मुहि- BI-नु- om.VI -रित् CI 872. तनेईच् om. Bईच -दुचाए। वृषभः B| धंवि V। गतौ om. T। धवु गतौ 873. -रज Cऽजः V प्राकरः B1 शाक om. BIÀ5: BTI at for BTCFT: VI विशेषः प्राकार: T | स्वर्ण VI चंदश्च TIइन्द्रश्च om. TI 874. ऋषिपषिभि -T किदक प्र-Tपृथक् 901. दसियुसिवि- B | इंद्रः इंवृषभश्च निर्देशादेव द्वयत् नानार्थे TI भिष TI B| अपराहृयश्च VI See P. VIII, 4, F. 875. मिज C-मिजः VIभुरवजी TI च 902. कुक्कुर: T। व्योनि for अन्तरिक्षे ।। om. BT | भुर्वणित्या-T-भुरिक:B | भूः वायुः तत्पुरु-=8. III, 2. P. VI, 3, 14.1 एकाक्षराधिकारपादं च छंद: VI-धिक् पादं च अलुक्समासः B। प्राग्वत् Vा प्लिहौच Bप्लेहि ।। रुक्छंद: Tपणिक् T | वैदिक: B वैदेहकः ।। अपरिपू° दमे ण्यतार्थात् अरीनामव्यति अर्यमा 876. वसे: Vp. m. I कि: B V। इति om. TI वायुः अग्निः T। चंद्रः अग्निः 877. लंघरज न-TI-स्मादजप्र-TI - वायु: इंद्रश्च V। ईलोपश्च TI मंध्यते BI 878. दुवि° for वृक्षवि- । । 903. ष्यप्य-Cषप 5 शोभ्यां VI . 879. हस्वश्च om.VIविस्रवा B विसावा VI 904. शिवा B शिरा T। मुनिशि-B | पतिः 880. भूभ for मेदिनी च | B पद्वा रथः पत्तिः वत्सः रथः पादग-TI पर्व: TI 881. कित् CV | अब्धिः तृणः भूश्च ।। Vवर्धकि: om. VI-जाति युवति Vशाकरो 882. मस्यानुस्वारपूर्वः शश्च V |समक्षः आदेः मृषःT वृक्षः ।। रे-V | पुरीतत् । प्रमुखा भवंति BI 905. पर्वतिधिश्च B पर्वश्च ।। 883. पटछब्दादयो ऽनु- T | -त्ययांता 906. -जिहिह-B शुगाल: B TI वणिज्य अनुकरण शब्दा निपात्यते || B | संप V| उका-- VI वाराणसी TV| विष्णुश्च TI मृत्युश्च om. र: om. T उतोऽत Vछपत् T | पतत् स्वट् T। प्रजापतिः सर्पः B। मृत्वरी TI भू: for V बनते रच खनत् T खने रञ्च । सर्वते TI | भूमिः ।। Aho! Shrutagyanam
SR No.034211
Book TitleUnadigana Sutra
Original Sutra AuthorHemchandracharya
Author
PublisherEducation Society Press
Publication Year1895
Total Pages314
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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