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________________ वस्तुपाल तेजपाल के गिरिनारपर बनवाये धार्मिक स्थानोंको नामावली " वस्तुपाल विहार " नामका श्री आदीश्वर भगवानका विशाल मंदिर । आदोश्वर प्रभुको प्रति. मा । श्री अजितनाथ श्री वासुपूज्य-घामोको पतिमायें । अंबिका माताकी मूर्ति । चंडप नामक अपने प्रपितामह -परदादाकी मूर्ति । श्री वीर परमात्माकी प्रतिमा । वस्तुपाल और तेजपाल को दो मूर्तियें । अ. पने पूर्वजोंकी मूर्तियों के साथ श्री सम्मेतशिखरकी रचना । अपनी माता-कुमारदेवी, और अपनी ब. हिनकी मूर्तियों सहित श्री अष्टापदजीकी रचना कराई । तीनही मुख्य मंदिरोंपर तीन कीमती तोरण बंधाये । श्री शत्रुजय तीर्थ के रक्षक गोमुख यक्षका मंदिर बनवाया । हाथीकी सवारी सहित माताको मूर्ति । श्री नेमिनाथ स्वामी के चैत्यके तीनही दाजोंपर बहुमूल्य तोरण-बंधाये । उसमंदिरकेदक्षिण उत्तर विभागों में पिताकी और दादाको मू लिये बैठाई। Aho! Shrutgyanam
SR No.034195
Book TitleGirnar Galp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitvijay
PublisherHansvijay Free Jain Library
Publication Year1921
Total Pages154
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size5 MB
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