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________________ ( ४१ ) इसी प्रकार तद्भव तथा प्रांतीय शब्दों के स्थान पर संस्कृत रूप मिलते हैं। उदाहरण-तुलसी रामायण ( ३ । ३२ । ५) 'सत' १, २, ३, ६ में 'सत्य'; (५। ५४ ) विटासि, ४ में विकटास्य आदि । (१४) परिवर्तन _ (क) जहां संधि संभव हो परंतु मूलपाठ में न हो, या जहां संधि संभव न हो परंतु आभास ऐसा हो कि संधि हो सकती है, वहां संस्कृत पुस्तकों की प्रप्तियों में प्रायः च, हि, अपि आदि पूरकों के प्रयोग से संधि की प्राप्ति का अभाव किया मिलता है। उदाहरण-महाभारत आदि० (२,१५०) 'यत्र राज्ञा उलूकस्य', K. V1 B D (B. DI: के अतिरिक्त) प्रतियों में 'यत्र राज्ञा झुलूकस्य' । (२, २१२) ' तत आश्रम वासाख्यं',कई प्रतियों में 'सतश्चाश्रम', 'ततश्चाश्रमवासश्च', पाठ हैं। महाभारत उद्योग (३०, ६) उत्तरी धारा 'प्राचार्याश्च ऋत्विजो' --दक्षिणी धारा प्राचार्याश्चाप्य त्विजो' ; (३३, ३५) उ० 'अनाहूतः प्रविसति अपृष्ठो' - 'अनाहूतः संप्रविशेदपृष्टो' ; (CE,S) द० 'मधुपर्क च उपहृत्य' - उ० 'मधुपर्क चाप्युदकं च' ; ( १३६, ३६) उ० 'कृष्ण अस्मिन्यज्ञे' ---द० 'कृष्ण तस्मिन्यज्ञे' । (ख) व्याकरण आदि के अशुद्ध प्रयोगों को सुधारना । उदाहरण-महाभारत आदि--(२, १६०) ये च वर्तन्ति'-पाठांतर 'वर्तन्ते ये च', 'ये वर्तन्ते च' ; (२,६३) — हरणं गृह्य संप्राप्ते'-पाठांतर — गृहीत्वा हरणं प्राप्ते', 'दत्त्वा चाहरणं तस्मै' ; (७, २६) 'पुलोमस्य'–पाठांतर 'पुलोम्नस्तु', 'पुलोम्नश्च', 'पुलोम्नोथ' । महाभारत उद्योग० (८६, १६) उ० 'व्यथितो विमनाभवत्'-द० 'विमना व्यथि. तोभवत्' ; (३८, ८) 'अपकृत्वा'-'अपकृत्य । (ग) आर्ष, असाधारण अथवा कठिन प्रयोगों का दूर करना । उदाहरण - महाभारत उद्योग० (३४, ३८) उ० 'अपाचीनानि'-द. 'अपनीतानि' ; (७, २८) उ० 'कृष्णं चापहृतं ज्ञात्वा युद्धान् मेने जितं जयम्'द० 'कृष्णं चापि महाबाहुमामन्त्र्य भरतर्षभ' । तुलसी रामायण (१ । ३४४ । ३) 'तनु धरि धरि दसरथ गृह छाए'-३-८ में '...आए' ; (३ । २१ । ५) ' मन डोला'–४, ५ ‘मति डोली'; (७ । ७५ ) अति सैसव-६ 'अति सै सब' ; ४, ५ 'अतिसय सब' ; ७ 'अतिशय सुखद' ; (७ । ८६७) 'अखिल बिस्व यह मोर उपाया~६ में 'अखिल बिस्व यह मम उपजाया' । Aho ! Shrutgyanam
SR No.034193
Book TitleBharatiya Sampadan Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulraj Jain
PublisherJain Vidya Bhavan
Publication Year1999
Total Pages85
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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