SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 72
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ व्याख्या -- उपयोगानां क्रमात्स्थापना यथा रवि सोम १ आनंद २ कालदंड ३ प्राजापत्य ४ सुरोत्तम ५ सौम्य ६ ध्वांक्ष ७ ध्वज ८ श्रीवत्स ९ वज्र १० मुद्गर ११ छत्र १२ मित्र १३ मनोज्ञ अश्विनी भरणी कृत्तिका रोहिणी मृगशिर आर्द्रा पुनर्वसु पुष्य अश्लेषा मघा मृगशिर आर्द्रा पुनर्वसु पुण्य अश्लेषा मघा हस्त चित्रा मंगल पूर्वाफाल्गुनी स्वाति उत्तराफाल्गुनी | विशाखा हस्त अनुराधा अश्लेषा मघा हस्त चित्रा पूर्वाफाल्गुनी स्वाति उत्तराफाल्गुनी विशाखा चित्रा पूर्वाफाल्गुनी स्वाति उत्तराफाल्गुनी विशाखा अनुराधा ज्येष्ठा बुध पूर्वाषाढा उत्तराषाढा अनुराधा ज्येष्ठा मूल पूर्वाषाढा उत्तराषाढा अभिजित् श्रवण धनिष्ठा शतभिषा गुरु अनुराधा ज्येष्ठा मूल पूर्वाषाढा उरात्तषाढा अभिजित् श्रवण धनिष्ठा शतभिषा पूर्वाभाद्रपद उत्तराभाद्रपद रेवती अश्विनी.. शुक्र उत्तराषाढा अभिजित् शनि शतभिषा पूर्वाभाद्रपद उत्तराभाद्रपद श्रवण धनिष्ठा शतभिषा पूर्वाभाद्रपद भरणी उत्तराभाद्रपद कृत्तिका रोहिणी रेवती अश्विनी भरणी कृत्तिका रोहिणी मृगशिर रेवती अश्विनी मृगशिर आर्द्रा पुनर्वसु पुष्य अश्लेषा ४६ आरम्भ-सिद्धिः
SR No.034191
Book TitleArambh Siddhi Satik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdayprabhdevsuri, Jitendravijay
PublisherLabdhisuri Jain Granthmala
Publication Year1942
Total Pages320
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy