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________________ श्री नमस्कार माहात्म्ये ॥ ३ ॥ प्रकाशकीय - निवेदन | श्रीसिद्धसेनाचार्यविरचित 'श्रीनमस्कार माहात्म्य' नामनो आ ग्रन्थ, आचार्य - श्रीमद् विजयकमलसूरीश्वरजी जैनप्रन्थमालाना बारमा प्रन्थाङ्क तरीके श्रीकेसरबाईज्ञानमन्दिर तरफथी सम्पादित करावी समाज समक्ष रजू करतां अमने अतिशय आनन्द थाय छे. आ प्रन्थ अगाउ एक बार छपाई गयेल छे, परन्तु हालमां तेनी नकलो दुष्प्राप्य छे. आथी पू० मुनिराज श्रीमद्रङ्करविजयजीमहाराजनी सूचनाथी आ प्रन्थनी अति उपयोगिता लागवाथी तेनुं पुनः सम्पादन पूज्यपाद परमगुरुदेव सिद्धान्तमहोदधि आचार्यदेव श्रीमद् विजयप्रेमसूरीश्वरजी महाराजनी अध्यक्षतामां अत्र चातुर्मास विराजमान पू० मुनिराज श्रीकान्तिविजयजी महाराजद्वारा चार हस्तलिखितप्रतिओना आधारे अमोए करावेल छे. सम्पादनसम्बन्धी विगत तेओश्रीए सम्पादकीय - वक्तव्यमां लखी छे. तथा आ ज प्रन्थनो गूर्जरभाषामां सुन्दर भावानुबाद तेओश्रीए करी आपेल छे. ते पण मूल सहित पुस्तिकाकारे अमारा तरफथी ताजेतरमां ज बहार पडवानो छे. जिज्ञासुओने ते ग्रन्थ पण साथ राखवा भलामण छे. • वि० सं० २००४, पोष कृष्ण पञ्चमी. संघवी नगीनदास करमचंद, पाटणस्थ श्रीकेसरबाई ज्ञानमन्दिरना संस्थापक. प्रकाशकीय निवेदन । ॥ ३ ॥
SR No.034178
Book TitleNamaskar Mahatmyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddhasenacharya
PublisherKesarbai Gyanmandir
Publication Year1948
Total Pages28
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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