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________________ निवेदनम् FULLETELLIGEET EALTH नकल श्रीअनन्त * संपादकीय निवेदन नाथचरि अनंत कल्याणकारी श्री अनंतनाथप्रभु प्रसादित अतिसुन्दर कथाओंसे युक्त श्री पूजाष्टक वाचकोंके करकमलोंमें समर्पण करते त्रादुद्धृतं IHIअति आनंद होता है, इस चरित्रकी प्रेसकापी संवत् 1994 में सूरत में ही तैयार हो चुकी थी, परंतु प्रकाशित करने का साम्यूब पूजाष्टकम् तो इस वर्ष पंन्यासप्रवर श्री सुमति विजयजी गणिवर्यादिकी प्रेरणा द्वारा इन गृहस्थोने प्राप्त किया है, सहायक नाम // 44 // मुकाम __सहायक नाम शाह रायचंद गुलाबचंद अच्छारी 200 शाह धनजी ज्वेरभाइ। ,, दलाजी जेताजी कोपरली 125 ,, नगीनचंद धूलाजी ,, धनराज खीमचंद वापी 120 , रायचंद प्रागजी , रायचंद हरखचंद ,, पूनमचंद वीरचंद , छगनलाल प्रेमचंद , कस्तुरचंद धनाजी अच्छारी विद्वान् वाचक और व्याख्याता इस ग्रंथरत्नसे अनंतलाभ , मगनीराम रामसुख वापी उठावें इति शम् हरखचंद वालाजी आ. विजयक्षमाभद्रसूरि , चूनीलाल जसरूपजी , ज्वेरचंद प्रेमचंद मोरी बेडा (मारवाड) शाह केसरीचंद परागजी कोपरली अक्षयतृतीया सं. 1997 वापा H 100 FOR // 44 // देगाम
SR No.034167
Book TitleAnantnath Charitra Dudhrutam Pujashtakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandrasuri
PublisherRaichand Gulabchand Shah
Publication Year1940
Total Pages90
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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