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________________ वासपूजायां गन्धबन्धुर श्रीअनन्तनाथचरित्रादुद्धृतं पूजाष्टकम् 4 59595959 सद्धम्मकिरियाओ ॥ ३३ ॥ कइयावि रणज्झणमाणकिंकिणीगणविमाणमारुहिउं । गंतुं मंदरनंदीसरेसु सासयजिणे थुणइ ॥ ३४ ॥ सुहसिविणसूइयसुयं कइयावि प्पसविया भुवणलच्छी। भुवणाभरणोत्ति कयं नामं सम्माणिय जणं से ॥ ३५ ॥ बालत्तमइकंतो गाहियबावत्तरीकलो कुमरो । अञ्चब्भुयरूवातो विवाहितो रायकन्नातो ॥ ३६॥ समयतरम्मि रजे भुवणाभरणं निवेसिउं राया। विहियवओ वरनाणी होउं पत्तो महाणंदं ॥३७ ॥ नेवजेणं पूया जहा कया राइणा इमेण तहा । सासयसिवसुहकजे कज्जा अवरेणवि जणेण ॥ ३८॥ --8॥ नैवेद्यपूजा ॥ 5+ + +भुवणप्पमोयगनिवो कहिओ नेवजपूयमभिसरिउं । इण्हिं तु वासपूयाए गंधबंधुरकहं भणिमो ॥ ३९॥ 5555 रम्मारामसरोवरपुक्खरिणिविरायमाणचउपासं । वसुहासारं नयरं समत्थि वित्थिन्नपायारं ॥ १३४०॥ नहसनिहफालिहगयणलग्गजिणहरसिरग्गमग्गठिओ। खणमेत्तं लक्खिजइ जम्मि रवी रयणकलसोच ॥ ४१ ॥ रयणियरकिरणसियकित्तिबंधुरो कित्तिबंधुरो नाम । फुरियप्पयावपसरो पयावइ अत्थि तत्थ पुरे॥४२॥ धरणिधररइयसेवो जो विजयाणंदकारओ दूरं । अहिजाइकयविणासो चिरायए गरुडपक्खिव ॥४३॥ सबुत्तमपत्ताहियच्छायापरमालिया सुहप्पसवा । लइयत्व कित्तिलइया समत्थि रन्नो महादेवी ॥४४॥ तीएत्थि तणुत्थसुगंधबंधुरो गंधबंधुरो नाम । कुमरो अमरोवमरूवरम्मयारमणिमणहरणो ॥४५॥ सुकया सियवन्नधरं सिरंव उच्चहइ जो नियसरीरं । परमहसिय-15 गुणजुत्तं मुहमिव रयणाभरणजायं ॥४६॥ नरनाहमंडलेसरसामंतमहन्तमंतिपुत्तेहिं । सययं सेविजंतो कालं अइवाहइ कुमारो ॥४७॥ कइयावि नियप्पासायचंदसालागवक्खमल्लीणो। विविहविणोयक्खित्तो जा चिट्ठइ सह वयस्सेहिं॥४८॥ ताव सहसत्ति एगो कीरो नियपक्खनीलकन्तीए। हरियालीकलियंपिव नहं कुणंतो समणुपत्तो॥४९॥ 95959545
SR No.034167
Book TitleAnantnath Charitra Dudhrutam Pujashtakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandrasuri
PublisherRaichand Gulabchand Shah
Publication Year1940
Total Pages90
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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