SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नभो अरिहंताराम नभो सिद्धाश नभो आयरियायाम नभो वायाश नभोलोमे सव्व साहू मेसो घंय नभुटारो सव्व पावप्पशासायो भंगला य सव्वेसि पढभं हवछ भंगलभ् ॥ (भावार्थ: अरिहंत प्रभुने नभस्टार. सिद्ध लगवंतोने नभस्वार. माथार्योने नमस्कार. Gपाध्यायोने नमस्कार. गतना सर्व साधुषनने नमस्कार. आ पांय नमस्कार सर्व प्रहारनां पापनो नाश हरनार छे. सर्व प्रधारनां भंगलभां से सर्व प्रथम भंगलाहारी छे.) महन्तो भगवंत छन्द्रभहिताः सिद्धाश्व सिद्धिस्थिता आथार्या जिनशासनोन्नतिराः पूश्या उपाध्यायाः । श्री सिद्धान्त-सुपाठठा भुनिवराः रत्नत्रयाराधा पंयते परमेष्ठिनः प्रतिटिनं पूर्वन्तु वो भंगलम् ॥ म
SR No.034157
Book TitleJain Marriage Ceremony Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherPallavi and Dilip Mehta
Publication Year1997
Total Pages44
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy