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________________ VIVI ॥ ॐ श्री त्रिशतानंघाय नमः ॥ || भंगदायरा ॥ नमस्कार. सुस्वागतम्. नी असीम कृपाथी थि. हीप्ति (डिम्पल) खने यि नहुभारना लग्ननी भंगण घडी अवतरी छे जेवा परमाणु श्री अरिहंत लगवंत, गएाधर लगवंत सने शासन देवतासोने वंधन पुरीसे छीजे. साने वि. सं. २०५३ मा चैत्र सुह सेडम सेटले गुडी पडवो, ता. ८ -४ -१८८७ ना भंगणवारना शुभ हिवसे पालनपुर निवासी श्री हिलीपलाई रमशिलाल महेता जने ज. सौ. पक्षवीजहेननी सुपुत्री थि. हीप्ति (डिम्पल) ने समरापुरनिवासी श्री पंडलाई मनसुजलाल होशी ने अ. सौ. हीािजहेनना सुपुत्र थि नउमा मंगल परिएायनी विधिनां मंगलायरा रीजे. साथ सौ वडीलोनुं अने स्वनोनुं वरन्याना जन्मे पक्ष तरइथी अंतः पूर्व स्वागत छीजे. हरजातां है ये गृहस्थाश्रमभां प्रवेशतां हीप्ति-नमा सहभुवनने आपना अंतरना आशिषथी धन्य जनाववा विनंती पुरीखे छीजे. ॥ ॐ नय नय थ्र्य । ॐ नमोस्तु नभोस्तु नभोस्तु ॥
SR No.034157
Book TitleJain Marriage Ceremony Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherPallavi and Dilip Mehta
Publication Year1997
Total Pages44
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size25 MB
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