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________________ ABCD में है। मम्मी-पापा या टीचर्स यदि आपको डांटते हैं, तो वह आपके भले के लिए है। आप उसे स्वीकार करना सीखें। बोलें तो हमेशा मीठा ही बोलें। आप किसी को साला भी कह सकते हैं और प्यार भी कर सकते हैं। आपको दोनों में से क्या अच्छा लगता है? प्यार ना? Than try to understand. दूसरों को भी वही सुनना अच्छा लगता है। जं इच्छसि अप्पणतो जं च न इच्छसि अप्पणतो ___ तं इच्छह परस्सावि आप अपने लिए जो चाहते हैं, वही दूसरों के लिए भी चाहें। आप अपने लिए जो नहीं चाहते हैं, वह दूसरों के लिए भी मत चाहें। ठंडा माथा और मीठी जीभ, यही सुखी जीवन की कुंजी है। A for Art of living. सोक्रेटिस की पत्नी ने उसे परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ा था। चालीस मिनट तक वह लगातार बोलती रही। कोई और होता तो या तो रो देता या लड़ लेता। परन्तु सोक्रेटिस को A for Art of living आता था। सामने हो आग तो आप बन जाएँ पानी। सोक्रेटिस मंद-मंद मुस्कुरा रहा है। My dears, आपको यदि हँसना आता हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रुला नहीं सकती। आप यदि सुखी रहना सीख लें, तो दुनिया की कोई भी शक्ति आपको दुःखी नहीं कर सकती है। __ I ask you one question. आप टी.वी. देख रहे हैं। टी.वी. का रिमोट आपके हाथ में है। आप वोल्युम कम-ज्यादा कर सकते हैं। चेनल बदल सकते हैं। टी.वी. ऑन-ऑफ कर सकते हैं। टी.वी. का रिमोट आपके हाथ में है। आपका रिमोट किसके हाथ में है? कोई आपको दो अच्छे शब्द कहे तो आप खुश हो जाएँ और दो बुरे शब्द कहे तो आप नाखुश हो जाएँ, तो समझ लें कि आपका रिमोट दूसरे के हाथ में है। सामने वाला आपके साथ ऐसा व्यवहार करता है कि आपको गुस्सा आ जाए, और आपको गुस्सा
SR No.034140
Book TitleSanskar ABCD
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyam
PublisherAshapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar
Publication Year2018
Total Pages16
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size1 MB
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