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________________ मांसाहार के सख्त विरोधी थे। ईसा मसीह की शिक्षा के दो प्रमुख सिद्धान्त है - Thou shall not kill. तुम जीवहत्या नहीं करोगे । Love thy neighbour अपने पड़ोसी से प्यार करों। गास्पल ऑफ पीस ऑफ जीसस क्राइस्ट में ईसा मसीह के वचन इस प्रकार है - "सच तो यह है, कि जो हत्या कर रहा है, वह असल में अपनी ही हत्या कर रहा है। जो मारे हुए जानवर का मांस खाता है, वह असल में अपना मुर्दा अपने आप ही खा रहा है । जानवरों की मौत उसकी अपनी मौत है, क्योंकि इस गुनाह का बदला मौत से कम हो ही नहीं सकता । यदि तुम शाकाहारी भोजन को अपना आहार बनाओगे, तो तुम्हें जीवन व शक्ति मिलेगी, लेकिन यदि तुम मृत (मांसाहार) भोजन करोगे, तो वह मृत आहार तुम्हें भी मार देगा। क्योंकि केवल जीवन से ही जीवन मिलता है। मौत से हमेशा मौत ही मिलती है। जानवरों की मौत उसकी अपनी मौत है, क्योंकि इस गुनाह का बदला मौत से कम हो ही नहीं सकता । Thou shall not kill - तुम जीव हत्या नहीं करोगे । - ईसा मसीह (३) शिन्तो धर्म - इस धर्म के अनुयायी जापान में बसे हुए है । इस धर्म की मान्यता है कि 'जो लोग दया करते है, उनकी आय बढ़ती है।' (४) ताओ धर्म - इस धर्म के अनुयायी चीन तथा एशिया में बसे हुए है। इस धर्म की मान्यता है कि तमाम क्रियाओं की प्रतिक्रियाएँ होती है । If you kill, you will also be killed. यदि तुम हत्या करोगे, तो तुम्हारी भी हत्या की जाएगी । (५) कन्फूशस धर्म - इस धर्म के अनुयायी चीन, जापान, बर्मा और थाईलैंड में बसे हुए है। इस धर्म की मान्यता है कि मांसाहार का त्याग धर्म की परिपूर्णता है। (६) पारसी धर्म - इस धर्म के ग्रंथ जेन्द अवेस्ता में कहा गया है कि जीवों का वध अधार्मिक है। (७) सिख धर्म - गरु नानक देव ने मांसाहार का साफ शब्दों में विरोध किया १०१
SR No.034125
Book TitleArsh Vishva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyam
PublisherAshapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar
Publication Year2018
Total Pages151
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size1 MB
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