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________________ ब्लॉगिंग के स्वर्णिम सूत्र अपने ब्लॉग पर पोस्ट करने के अलावा मैं हिन्दी और अंग्रेज़ी के बहुत सारे ब्लॉग्स भी पढ़ता हूँ। ब्लॉगिंग के विषय पर भी अब तक बहुत सारे ब्लॉग्स पर लिखा जा चुका है जिसे पढ़कर हिन्दी ब्लौगरों ने ब्लॉगिंग के सैद्धांतिक और तकनीकी पक्ष की अच्छी जानकारी लेकर अपने ब्लॉग्स को समृद्ध किया है। हिन्दी के कई ब्लॉग्स अच्छी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। हिन्दी ब्लॉगिंग अभी अपने शैशवकाल में है। यहाँ ब्लौगर ही हैं जो दूसरे ब्लौगरों को पढ़ रहे हैं। जहाँ तक मेरी जानकारी है, हिन्दी जगत में अभी मुश्किल से ७,००० ब्लौगर हैं जिनमें से कुछ ही ऐसे हैं जिनका ब्लॉग सक्रिय है, अर्थात जो पिछले १-२ सालों से नियमित पोस्ट करते आ रहे हैं। यह पोस्ट इस ब्लॉग की विषय-वस्तु से मेल नहीं खाती। इसे यहाँ प्रस्तुत करने का उद्देश्य यह है कि इसे अच्छे पाठक मिलें और आपकी जानकारी में थोड़ा सा इजाफा हो। इस ब्लॉग की अन्य पोस्टों कि भांति इसे भी मैंने कई स्त्रोतों से लेकर हिन्दी में अनूदित किया है। जब मैंने पिछले साल जुलाई-अगस्त में ब्लॉगिंग शुरू की तब मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं जानता था । भरपूर जोश में आकर मैंने कई सारे ब्लॉग्स बना लिए और उन्हें कई एग्रीगेटरों पर रजिस्टर भी करवा लिया। जल्दी ही मुझे यह बात समझ में आ गई कि वास्तव में मेरे पास ब्लॉगिंग करने के लिए कोई मौलिक विषय-वस्तु नहीं थी। अपने बनाये बहुत सारे ब्लॉग्स को मैंने या तो डिलीट कर दिया या वे निष्क्रिय हो गए। एक दिन मुझे यह विचार आया कि क्यों न प्रेरक कथाओं और लेखों का अनुवाद करके ब्लॉग बनाया जाए। इस प्रकार वर्तमान ब्लॉग अस्तित्व में आया। इसकी पाठक संख्या इसकी विषयवस्तु के कारण सीमित है, लेकिन यह कोई समस्या नहीं है। ब्लॉग के पाठक और फौलोवर धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। कछुआ बनकर रेस जीतना ज्यादा बेहतर है। आपने भी अपने ब्लॉग की गुणवत्ता को बढ़ने और इसे प्रतिष्ठित करने के लिए कुछ प्रयास तो किए होंगे। आपने नियमित पोस्ट करने, ब्लॉग पर ट्रेफिक बढ़ाने, सब्स्क्राइबर / फॉलोवर पाने, ज्यादा लिंकित होने, कमेन्ट पाने और नामित किए जाने के बारे में पढ़ा होगा। यहाँ मैं आपको वे सभी बातें कुछ सूत्रों के रूप में आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ। मैंने स्वयं उनपर अमल करके देखा है और उन्हें उपयोगी पाया है। ये सारे बिन्दु सफल ब्लॉगिंग करने के सूत्र हैं जिन्हें कई स्थानों से संकलित किया गया है। आप इन सूत्रों में कुछ जोड़ सकें तो कमेन्ट के माध्यम से अवश्य सूचित करें। ये कुछ ऐसी टिप्स और हुनर हैं जिनपर ध्यान देने से आपकी ब्लॉगिंग अवश्य निखरेगी। ऐसे ७-८ क्षेत्र चुने हैं जिनपर चर्चा कि जा सकती है: ब्लॉग को कैसे बढ़ावा दें 154
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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