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________________ आनंद के चार कारण लाओ-त्जु एक मोटा फ़र का कोट पहनकर अपनी कमर पर एक रस्सी से उसे बांधकर अपने बैल पर यहाँ से वहां घूमता रहता था। अक्सर वह छोटे से इकतारे पर आनंद विभोर होकर गीत गाने लगता। एक दिन किसी ने उससे पूछा - "तुम इतने खुश क्यों हो?" लाओ-त्जु ने उत्तर दिया - "मैं चार कारणों से खुश हूँ। पहला यह है कि मैं एक मनुष्य हूँ और मनुष्य होने के नाते मैं उन सारी वस्तुओं और पदार्थों का उपभोग कर सकता हूँ जो केवल मनुष्यों को ही उपलब्ध हैं। दूसरा कारण यह है कि पुरूष होने के नाते मैं स्त्रियों की सुन्दरता का बखान कर सकता हूँ। तीसरा यह कि अब मैं बूढा हो गया हूँ और इस कारण मैं कम उम्र में मर जाने वालों की तुलना में अधिक जानता हूँ और ज्यादा दुनिया देख चुका हूँ। और चौथा और सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि चूंकि अब मैं मरने के लिए तैयार हूँ इसलिए मुझे किसी प्रकार का भय और चिंता नहीं है।" 137
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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