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________________ काली नाक वाले बुद्ध एक बौद्ध भिक्षुणी निर्वाण प्राप्ति के लिए साधनारत थी । उसने भगवान् बुद्ध की एक मूर्ति बनवाई और उसपर सोने का पत्तर लगवाया। उस मूर्ति को वह जहाँ भी जाती अपने साथ ले जाती थी। साल-दर-साल गुजरते गए। वह भिक्षुणी अपने भगवान् की मूर्ति लेकर एक ऐसे मठ में रहने आ गई जहाँ बुद्ध की अनेकों मूर्तियाँ थीं । भिक्षुणी अपने 'बुद्ध के सामने रोज़ धूपबत्ती जलाया करती थी। लेकिन वह चाहती थी कि उसकी धूपबत्ती की सुगंध केवल उसके बुद्ध तक ही पहुंचे। इसके लिए उसने बांस की एक पोंगरी बनाई जिससे होकर धूपबत्ती का धुआं केवल उसके बुद्ध तक ही पहुँचने लगा। धुएँ के कारण उसके बुद्ध की नाक काली हो गई। 136
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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