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________________ मछली फेंकनेवाला एक आदमी समुद्रतट पर चल रहा था। उसने देखा कि कुछ दूरी पर एक युवक ने रेत पर झुककर कुछ उठाया और आहिस्ता से उसे पानी में फेंक दिया। उसके नज़दीक पहुँचने पर आदमी ने उससे पूछा - "और भाई, क्या कर रहे हो?" युवक ने जवाब दिया - "मैं इन स्टारफिश को समुद्र में फेंक रहा हूँ।" "लेकिन इन्हें पानी में फेंकने की क्या ज़रूरत है?"-आदमी बोला। युवक ने कहा - "ज्वार का पानी उतर रहा है और सूरज की गर्मी बढ़ रही है। अगर मैं इन्हें वापस पानी में नहीं फेंकूगा तो ये मर जाएँगी"। आदमी ने देखा कि समुद्रतट पर दूर-दूर तक स्टारफिश बिखरी पड़ी थीं। वह बोला - "इस मीलों लंबे समुद्रतट पर न जाने कितनी स्टारफिश पड़ी हुई हैं। इस तरह कुछेक को पानी में वापस डाल देने से तुम्हें क्या मिल जाएगा?" युवक ने शान्ति से आदमी की बात सुनी, फ़िर उसने रेत पर झुककर एक और स्टारफिश उठाई। उसे आहिस्ता से पानी में फेंककर वह बोला : "इसे सब कुछ मिल जाएगा"। * * * * * लोरेन ईसली की कहानी 131
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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