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________________ सवेरे जल्दी उठने के दस फायदे और तरीके लियो बबौटा ग्वाम में रहते हैं और एक बहुत उपयोगी ब्लॉग जेन हैबिट्स के ब्लोगर हैं। वे लेखक, धावक, और शाकाहारी हैं। उन्होंने हाल में ही एक बेस्ट-सेलिंग पुस्तक 'The Power of Less' लिखी है। उनके ब्लॉग पर आप सफलता पाने, रचनात्मकता बढ़ाने, व्यवस्थित होने, प्रेरित होने, क़र्ज़ से निजात पाने, पैसा बचाने, दुबला होने, अच्छा खाने, सहज रहने, बच्चों का लालनपालन करने, खुश रहने, और अच्छी आदतें विकसित करने के लिए बेहतरीन पोस्ट पढ़ सकते हैं। सबसे अच्छी बात तो यह है कि लियो ने सभी को अपने ब्लॉग की सामग्री का किसी भी रूप में उपयोग करने की पूरी छूट दी है (जैसी मैंने दी हुई है)। उनके ब्लॉग की सबसे अच्छी पोस्टों को मैं अनूदित करके आपके लिए प्रस्तुत करूंगा। इसी क्रम में मैं पोस्ट कर रहा हूँ उनकी पोस्ट सवेरे जल्दी उठने के दस फायदे और तरीके। अनुवादक : यहाँ मैं ईमानदारी से यह कह दूं कि मैं खुद सवेरे बहुत जल्दी नहीं उठता हूँ। पानी भरने के लिए सवेरे ६:३० पर उठना पड़ता है। दोपहर दफ्तर में गुज़रती है, ब्लॉगिंग रात को करता हूँ, छोटे-छोटे बच्चों को भी तो देखना है, अकेली पत्नी की सुख-सुविधाओं का ख्याल रखना भी ज़रूरी है, घर-परिवार से दूर अकेले रह रहे लोग आख़िर क्या करें?। लो, मैं तो अपना दुखडा रोने लगा। आप लियो की प्रेरक पोस्ट का अनुवाद पढ़ें और अच्छा लगे तो मुझे बताएं। * * * * * हाल में मेरे एक पाठक ने मेरे रोज़ सवेरे ४:३० बजे उठने की आदत, इसके लाभ और उठने के उपायों के बारे में पूछा। उनका सवाल बहुत अच्छा है पर सच कहूँ तो इसके बारे में मैंने कभी गंभीरता से नहीं सोचा। वैसे, इस आदत के कुछ लाभ तो हैं जो मैं आपको बता सकता हूँ: पहले मैं आपको यह बता दूँ की यदि आप रात्रिजीवी है और इसी में खुश हैं तो आपको अपनी आदत बदलने की कोई ज़रूरत नहीं है। मेरे लिए रात का उल्लू होने के बाद जल्द उठने वाला जीव बनना बहुत बड़ा परिवर्तन था। इससे मुझे इतने सारे लाभ हुए कि अब मुझसे सवेरे देर से उठा न जाएगा। लाभ ये हैं: १. दिन का अभिवादन - सवेरे जल्दी उठने पर आप एक शानदार दिन की शुरुआत होते देख सकते हैं। सवेरे-सवेरे जल्द उठकर प्रार्थना करने और परमपिता को धन्यवाद देने का संस्कार डाल लें। दलाई लामा कहते हैं - "सवेरे उठकर आप यह सोचें, 'आज के दिन जागकर मैं धन्य हूँ कि मैं जीवित और सुरक्षित हूँ, मेरा जीवन अनमोल है, मैं इसका सही उपयोग 112
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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