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________________ मैराथन दौड़ने पर मुझे पता चला कि यह न सिर्फ़ सम्भव था बल्कि बहुत बड़ा पारितोषक भी था। काश मैंने दौड़ने की ट्रेनिंग उस समय शुरू कर दी होती जब मैं हल्का और तंदरुस्त था, मैं तब इसे काफी कम समय में पूरा कर लेता ! 20. इतना पढने के बाद भी मेरी गलतियाँ दुहराएंगे तो पछतायेंगे १८ वर्षीय लियो ने इस पोस्ट को पढ़के यही कहा होता "अच्छी सलाह है।" और इसके बाद वह न चाहते हुए भी वही गलतियाँ दुहराता । मैं बुरा लड़का नहीं था लेकिन मैंने किसी की सलाह कभी नहीं मानी। मैं गलतियाँ करता गया और अपने मुताबिक जिंदगी जीता गया। मुझे इसका अफ़सोस नहीं है। मेरा हर अनुभव ( शराब का भी ) मुझे मेरी जिंदगी की उस राह पर ले आया है जिसपर आज मैं चल रहा हूँ। मुझे अपनी जिंदगी से प्यार है और मैं इसे किसी के भी साथ हरगिज नहीं बदलूँगा। दर्द, तनाव, तमाशा, मेहनत, परेशानियाँ, अवसाद, हैंगओवर, कर्ज, मोटापा सलाह न मानने के इन नतीजों का पात्र था मैं। 111 - -
SR No.034108
Book TitleZen Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNishant Mishr
PublisherNishant Mishr
Publication Year
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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