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________________ सकता। यह कोई हिमालय में भी नहीं छिपा है कि तुम जाओ और इसे खोद कर निकाल लाओ, यह वहां नहीं है। यह जीवन में निहित है, व्यक्तियों के साथ है, यह संबंधित होने में है। इसलिए मैं जानता हूं कि यह जटिल है, लेकिन बस जटिलताओं की खातिर यदि तुम सोचते हो कि अकेले रहना उत्तम रहेगा तो तुम्हारा अकेलापन आध्यात्मिक होने नहीं जा रहा है। यह कायर का अकेलापन होगा, बहादुर आदमी का नहीं। मैं तुमसे एक कहानी कहना चाहूंगा: एक व्यक्ति जिसको बहुत कम सुनाई पड़ता था, अपने चिकित्सक से मिलने गया, उसने उसका भलीभांति परीक्षण किया और बोला, सत्तर वर्ष की आयु के लिहाज से आपकी सेहत काफी अच्छी है। क्या आप धूम्रपान करते हैं? चिकित्सक ने पूछा। आपने क्या कहा? वृद्ध व्यक्ति ने पूछा। मैंने पूछा, क्या आप धूम्रपान करते हैं? चिकित्सक ने जोर से कहा । जी ही, वृद्ध व्यक्ति ने बताया । अधिक मात्रा में? चिकित्सक ने पूछा। कौन? वृद्ध व्यक्ति बोला। क्या आप अधिक मात्रा में धूम्रपान करते हैं? चिकित्सक ने पूछा। सिगरेट, सिंगार और कभी - कभी पाइप, ही, मैं सारा वक्त धूम्रपान करता रहता हूं उसने उसे बताया। पीते हैं? चिकित्सक ने पूछा। नौ बजे के बाद, वृद्ध व्यक्ति ने उत्तर दिया। नहीं, नहीं, चिकित्सक ने कहा, क्या आप शराब पीते हैं? जी ही, मैं कुछ भी पी लूंगा, वह बोला। मेरा अनुमान है कि आप देर रात तक जागते हैं, खूब सारी पार्टियां? महिलाओं का साथ? अब तक चिकित्सक भी थोड़ा तंग आ चुका था। निश्चित रूप से। और मैं लंबे समय तक यही कुछ करना चाहता हूं।
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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