SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 343
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शयनकक्ष में पहुंचा और वहां जाकर बैठ गया। एक मिनट बाद उसकी पत्नी सीढ़ियों से धम- धम करती नीचे उतर कर आई और द्वार से ही उसे घूरने लगी। जो तुम इस समय कर रहे हो उस बारे में तुम्हारा क्या खयाल है? उसने पूछा। शराबी ने उत्तर दिया, बस पढ़ रहा हूं प्रिये। तुम नशेबाज मूर्ख, तुम फिर से पीकर अंधे हो गए, उसकी पत्नी क्रोध से चिल्लाई। अब सूटकेस बंद करो और पलंग पर आकर लेटो। जो कुछ भी तुम अपनी अचेतन अवस्था में कर रहे हो, चाहे वह जो कुछ भी हो, मैं बिना किसी शर्त के यह कह सकता हूं कि यह मूर्खतापूर्ण होने जा रहा है। कभी-कभी तुम्हें भी ऐसा ही लगता है, किंतु तुम बार-बार विषय को छोड़ देते हो। तुम लंबे समय तक इसको स्मरण नहीं रखते, क्योंकि इससे भी खतरा हो सकता है। तुम एक स्त्री को प्रेम करते हो, यदि तुम सजग हो जाओ तो प्रेम खो भी सकता है, क्योंकि तुम्हारा प्रेम मात्र एक सम्मोहन भी हो सकता है जैसा कि यह सामान्यत: होता है। तुम महत्वाकांक्षी हो, तुम राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री हो पाने के लिए राजधानी पहुंचने का प्रयास कर रहे हो, अब तुम सजग होने से भयभीत हो जाओगे, क्योंकि यदि तुम सजग हो गए तो सारी बात मूढ़तापूर्ण दिखाई पड़ेगी, और तुमने इसके लिए अपना सारा जीवन दांव पर लगा दिया है। अभी उसी दिन मैंने सीनेटर (अमरीकी सांसद) हम्फ्री की रोती हुई तस्वीर अखबार में देखी, क्योंकि वे अपने सारे जीवन अमरीका का राष्ट्रपति बनने का प्रयास करते रहे थे, और यह उनका अंतिम अवसर था, और अब कोई संभावना दिखाई भी नहीं पड़ती। इसलिए अपने प्रशंसकों के सामने खड़े होकर न्होंने रोना आरंभ कर दिया। उनकी आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने कहा, अब मैं वृद्ध हो गया हूं और यह मेरा आखिरी मौका मालूम पड़ता है; अब मैं पुन: राष्ट्रपति पद के लिए कभी खड़ा नहीं हो पाऊंगा। एक छोटे बच्चे की भांति रोते हुए.. .तुम्हारे राजनेता बस छोटे बच्चे हैं, जो एक-दूसरे के साथ खेलते और लड़ते रहते हैं। यदि तुम सजग हो जाओ तो अपने प्रयासों की सारी मूढता तुम्हें अचानक दिखाई पड़ सकती है। तुम ठहर सकते हो और तुम्हारे भीतर कहीं गहरे में यह अनुभव सदा होता रहता है। तुम धन के पीछे दौड़ रहे हो... एक बार ऐसा हुआ, एक बहुत धनवान व्यक्ति मुझे सुनने आया करता था। अचानक उसने आना बंद कर दिया। कई माह बाद उससे सुबह टहलते समय मेरी अचानक भेंट हो गई। मैंने उससे पूछा, कहां रह गए थे आप? आप अचानक गायब हो गए? उसने कहा, ऐसा अचानक नहीं हुआ, लेकिन धीरे-धीरे मैं भयभीत हो गया। मैं आपको सुनने आऊंगा, लेकिन अभी वह समय नहीं है। मैं युवा हूं और आपको सुनते हुए मैं धीरे-धीरे और-और कम महत्वाकांक्षी होने लगा, अभी यह खतरनाक होगा। पहले मुझे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना है। अपने बाद के वर्षों में जब मैं वृद्ध हो चुका होऊंगा, तब मैं
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy