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________________ अपनी आदतों के पूरे ढांचे के प्रति सजग हो जाओ, यह आदतों का ढांचा ही तुम्हारा मन है; तब किसी भी दिन अवधान का विषयांतरण घटित हो जाएगा। अचानक तुम अ-मन में होओगे जब तुम अपनी सभी आदतों के प्रति सजग हो चुके होते हो तुम उनको अचेतनता से नहीं करते, और तुम बेहोशी में उनके साथ सहयोग नहीं करते, तब किसी दिन जब संतृप्तता का बिंदु आता है - सौ डिग्री पर अचानक एक विषयांतरण घट जाएगा। तुम स्वयं को शून्यता में पाओगे जो न शुद्ध है और न अशुद्ध । 'जब उनकी पूर्णता के लिए परिस्थितियां सहायक होती हैं, तो इन त्रि-आयामी कर्मों से इच्छाएं उठती हैं।' जो कुछ भी तुम करते हो वह तुम्हारे भीतर बीज की भांति पड़ा रहता है। और जब कभी कोई विशेष परिस्थिति पैदा हो जाती है जो तुम्हारे लिए सहायक हो सकती हो, तो यह बीज अंकुरित हो जाता है। कभी-कभी हम इन बीजों को अनेक जन्मों तक साथ लिए फिरते हैं। उचित परिस्थिति, उचित मौसम नहीं आ पाता है, किंतु जब कभी भी यह माहौल बन जाता है, इससे बहुत जटिल समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। अचानक सड़क चलते हुए एक आदमी से तुम्हारा सामना होता है और तुमको उसके प्रति बहुत ही विकर्षण अनुभव होता है, और तुम उस आदमी को पहले कभी जानते भी नहीं थे। तुमने उसके बारे में कभी सोचा भी न था, न कभी उसके बारे में सुना था, एक नितांत अनजान व्यक्ति और अचानक तुम प्रतिकर्षण अनुभव करते हो, या तुम आकर्षित अनुभव करते हो अचानक तुमको लगता है कि उससे तुम पहले कभी मिल चुके हो। अचानक तुम इस अनजान व्यक्ति के लिए अपने भीतर प्रेम-ऊर्जा की एक बड़ी लहर उठती हुई अनुभव करते हो, जैसे कि तुम सदैव उसके निकट, उसके अंतरंग रहे हो। अतीत के किसी अन्य जन्म से कोई बीज भीतर पड़ा हुआ था एक विशेष परिस्थिति—और बीज ने अंकुरित होना आरंभ कर दिया। अचानक तुम बिना किसी कारण के संतापग्रस्त हो गए। और तुम सोचते हो, मैं क्यों संतापग्रस्त हूं? क्यों? इस दृश्य संसार में कोई कारण भी नहीं दिखाई पड़ता है। इस संताप के लिए तुम कोई बीज लिए हुए हो सकते हो; बस उसका सही समय आ गया है। जूलिया शर्म से सिर झुकाए अपने पिता के पास आई, पापा, वह बोली, आप उस अमीर मिस्टर वोल्फ को जानते हैं? उसने मेरे साथ धोखा किया है, और मुझे बच्चा होने वाला है। ओह भगवान! पिता ने कहा, वह है कहां? मैं उसको मार डालूंगा उसको पता दो। मैं उसका खून कर दूंगा। उतावला होकर वह उस अमीर आदमी के घर पहुंचा, उसने तेज आवाज में से पुकारा और पूछा कि उसका क्या करने का इरादा है। लेकिन अमीर मिस्टर वोल्फ तो बिलकुल शांत रहा, उत्तेजित मत हो, उसने कहा, मैं कहीं भागा नहीं जा रहा हूं। और मैं तुम्हारी बेटी के साथ उचित बर्ताव करना चाहता हूं। यदि उसके पुत्र उत्पन्न होता है तो उसे पचास हजार डालर मिलेंगे और यदि उसके पुत्री हुई तो पैंतीस हजार डालर । क्या यह ठीक है?
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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