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________________ वे सभी इन भूमिकाओं में जी रहे हैं, इसी क्षण में जीकर इसका पूर्णतः आत्यंतिक रूप से आनंद लेते हुए। उस बम को निष्प्रभावी करने के लिए एक ब्रिटिश सैनिक को उस नगर में भेजा जाता है। वह निराश हो जाता है क्योंकि बम जहां रखा है वह स्थान उसे नहीं मिलता। वह दीवानों की तरह चीखना और चिल्लाना आरंभ कर देता है 'हम सभी लोग मरने जा रहे हैं।' इसलिए प्रत्येक व्यक्ति - जनरल, ड्यूक, बिशप, सारे पागल लोग हर कोई उसका क्रियाकलाप देखने के लिए आराम कुर्सियां लाकर उसके चारों ओर बैठ गए। उन्होंने उसकी बातें सुन कर खुशी जाहिर की और तालियां बजाई। निःसंदेह उनकी हरकतों से वह सैनिक और ज्यादा पगला गया। , अगले दिन जर्मन और ब्रिटिश दोनों सेनाएं शहर में वापस मार्च करती हैं और वे सारे पागत्न लोग इसे उनकी परेड की तरह देखते हैं। फिर वे सिपाही एक-दूसरे को देखते हैं, एक-दूसरे पर गोली चलाते हैं और मार डालते हैं। बॉलकनी में खड़ा हुआ इयूक घृणापूर्वक नीचे पड़े हुए मृतकों को देखता है और कहता है: अब वे अभिनय की अति कर रहे हैं। एक युवती उदासी से नीचे की ओर देखती है और आश्चर्यचकित होकर कहती है 'मजेदार लोग' बिशप कहता है 'ये लोग निश्चित रूप से पागल : हो गए हैं। ' तुम सोचते हो कि केवल पागल ही पागल है......जरा अपने आप को देखो कि तुम क्या कर रहे हो? तुम सोचते हो कि जब कोई पागल व्यक्ति दावा करता है कि वह प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति है तो वह पागल है तो तुम्हारे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री लोग क्या कर रहे हैं? वास्तव में वे और ज्यादा पागल हैं। पागल व्यक्ति बस कल्पना का आनंद लेता है, वह इसको वास्तविक बनाने की चिंता नहीं करता, लेकिन वे राष्ट्राध्यक्ष, वे राष्ट्रपति, और वे सेनापति लोग अपनी कल्पनाओं से संतुष्ट नहीं रहे हैं, उन्होंने इसे वास्तविक बनाने के प्रयास किए हैं। निःसंदेह यदि कोई पागल आदमी सिकंदर है या चंगीज खान है, तो वह कभी किसी की हत्या नहीं करता, वह तो बस होता है। वह यह सिद्ध करने नहीं निकल पड़ता कि वह वास्तव में सिकंदर या चंगीज खान है। वह खतरनाक नहीं है, वह मासूम है। लेकिन जब ये तथाकथित समझदार व्यक्ति सिकंदर या चंगीज खान, तैमूरलंग होने की बात सोचने लगते हैं तो वे मात्र इस भाव से ही संतुष्ट नहीं होते, वे इसको मूर्तमान करने का प्रयास करते हैं। तुम्हारे एडोल्फ हिटलर जैसे लोग अधिक पागल हैं, तुम्हारे माओत्से तुंग जैसे लोग किसी भी पागलखाने में बद किसी भी पागल की तुलना में कहीं ज्यादा पागल हैं। समस्या यह है कि संपूर्ण मानवजाति किसी विशेष सम्मोहन में जी रही है। यह ऐसा है कि तुम सभी को सम्मोहित कर दिया गया है और तुम नहीं जानते कि इससे बाहर कैसे निकला जाए। हमारी सभी जीवन - शैलियां पागलपन की हैं, विक्षिप्तता की हैं। जितनी वे प्रसन्नता निर्मित करती हैं उससे कहीं अधिक वे पीड़ा को जन्म देती हैं। जितनी परितृप्ति उनसे निर्मित होती
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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