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________________ कौन सा चक्र, शरीर क्रिया वैज्ञानिकों के हिसाब से, बिलकुल ठीक-ठीक किस स्थान पर हैं, एक पुस्तक लिख डाली है। ये मूढतापूर्ण कोशिशें हैं। योग उस ढंग से वैज्ञानिक नहीं है। प्रतीकात्मक है यह; योग एक महत प्रतीक है। यह कुछ दिखाता रहा है और जब तुम अंतस में उतरोगे, तुम इसे पाओगे, लेकिन इसे खोजने के लिए शरीर का विच्छेदन कोई उपाय नहीं है। शव परीक्षण के दवारा तुम्हें ये चीजें नहीं मिलेंगी। ये जीवंत घटनाएं हैं। और ये सारे सूत्र मात्र प्रतीकात्मक हैं, उनसे बंधना नहीं है और न उनसे कोई आसक्ति बांधो, न कोई अवधारणा बनाओ, तरल बने रहो। संकेत ग्रहण करो और यात्रा पर निकल पड़ो। एक शब्द और है, ऊध्वरेतस। इसका अर्थ है: ऊर्जा की ऊर्ध्वगामी यात्रा। अभी तुम काम-केंद्र पर टिके हुए हो, और इस केंद्र से ऊर्जा का अधोगमन होता रहता है। ऊध्वरेता का अर्थ है कि तुम्हारी ऊर्जा ऊपर की ओर जाने लगी है। यह एक नाजुक, बहुत सूक्ष्म घटना है और इसके साथ कार्य करते समय बहुत सावधान रहना पड़ता है। यदि तुम सचेत नहीं हो तो बहुत संभावना है कि तुम विकृत व्यक्ति बन जाओ। यह खतरनाक है। यह एक सांप की तरह है, तुम एक सांप से खेल रहे हो। यदि तुम्हें नहीं पता कि क्या करना है, तो खतरा है। तम जहर के साथ खेल रहे हो। और अनेक लोग विकृत हो चुके हैं, क्योंकि ऊर्ध्वगमन के लिए, ऊध्वरेता होने के लिए उन्होंने अपनी काम-ऊर्जा को दमित करने की कोशिश की। वे ऊपर को कभी नहीं गए। वे सामान्य लोगों से भी अधिक विकृत हो गए। मैं एक कहानी पढ़ रहा था। एबी ने अपने मित्र इस्सी से कहा, ही, मैं अपने पुत्र को लेकर डरा हुआ हूं। एक बड़ी निराशाजनक स्थिति पैदा हो गई है। तम्हें पता है कि उसे वैसी शिक्षा दिलाने के लिए, जो हमने प्राप्त नहीं की, हमने कितना संघर्ष किया। मैंने उसे देश के सर्वश्रेष्ठ बिजनिस स्कूल में पढ़ने भेजा, और अब क्या हआ? वह मेरी परिधानों की फैक्ट्री में दस बजे सबह आता है, ग्यारह बजे चाय वगैरह के लिए वक्त बरबाद करता है, बारह बजे लंच के लिए उठ जाता है, दो बजे से पहले लौटता नहीं, और दो से चार माडल्स के साथ यूं ही समय गुजारता है। कितना बेकार सिद्ध हुआ वह बड़ा होकर। इस्सी ने कहा : एबी, तुम्हारी परेशानी तो कुछ भी नहीं है, मेरी तो तुमसे हजार गुनी ज्यादा है। तुम्हें पता है कि हमने अपने पुत्र को वह शिक्षा दिलाने के लिए, जो हमें नहीं मिली, कितना संघर्ष किया है। मैंने उस देश के सर्वश्रेष्ठ बिजनिस स्कल में पढ़ाया। और अब क्या होता है? वह सुबह दस बजे । फैक्ट्री में आता है, ग्यारह बजे वह चाय के लिए समय खराब करता है, बारह बजे लंच के लिए उठ जाता है, दो बजे से पहले लौटता नहीं, और दो से चार बजे के बीच वह माडल्स के साथ समय बिताता है। कितना बेकार सिद्ध हुआ वह बड़ा होकर!
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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